तालिबान की बहस में अखाड़ा परिषद भी कूदा, कहा- ऐसे लोगों को मिले कड़ी सजा

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महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि इस समय देश में रहते हुए तालिबान का समर्थन करने वाले राष्ट्रद्रोही हैं और उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

प्रयागराज: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने शुक्रवार को कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान को मान्यता देनी है या नहीं यह तय करने की जिम्मेदारी भारत सरकार की है। उन्होंने साथ ही कहा कि लेकिन इस समय देश में रहते हुए तालिबान का समर्थन करने वाले राष्ट्रद्रोही हैं और उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए। महंत गिरि ने कहा, ‘तालिबान का समर्थन करना देशद्रोह है और ऐसा करने वालों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।’

उत्तर प्रदेश के संवेदनशील जिलों में आतंकवाद रोधी दस्ता (ATS) के गठन के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार के कदम का स्वागत करते हुए महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि इससे इन जिलों में देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाया जाने वालों के खिलाफ उचित और कड़ी कार्रवाई में मदद मिलेगी। बता दें कि तालिबान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से देश और विदेश में उसके खिलाफ बढ़ती नाराजगी के बीच उसे मान्यता देने की अपील की है।

तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ‘अफगान लोगों की इच्छा का सम्मान करना चाहिए’ और आधिकारिक तौर पर उनके समूह को मान्यता देनी चाहिए जिसने काबुल में सत्ता संभाली है। शाहीन ने कहा कि काबुल में नई तालिबान सरकार महिलाओं के शिक्षा और कामकाज के अधिकारों की रक्षा करेगी। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक संगठनों से नई सरकार को धन जारी करने का भी आग्रह किया।

शाहीन ने कहा, ‘चीन एक विशाल अर्थव्यवस्था और क्षमता वाला एक बड़ा देश है। वे अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। पिछले वर्षों के दौरान चीन और रूस के साथ हमारे संबंध रहे हैं। हम इसे अपने हित में देखते हैं कि हम किसी को भी हमारे पड़ोसी और क्षेत्रीय देशों के खिलाफ हमारी धरती का उपयोग करने की अनुमति न दें। यह हमारे लिए महत्वपूर्ण है। अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण के लिए भी हमें सभी देशों की मदद की जरूरत है।’



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