तालिबान सरकार को मान्यता दिलाने के चक्कर में पाकिस्तान, अमेरिका का बड़ा बयान
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने मंगलवार को कहा कि इस्लामाबाद अन्य देशों के साथ संपर्क में है और अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार को मान्यता देने के मुद्दे पर क्षेत्रीय निर्णय के आधार पर फैसला करेगा। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए चौधरी ने कहा कि तालिबान के काबुल पर नियंत्रण के संबंध में पाकिस्तान एकतरफा फैसला नहीं लेगा। उन्होंने कहा, ‘हम क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय दोनों ही स्तर पर अपने मित्रों के संपर्क में हैं और हम इसके अनुसार ही निर्णय लेंगे।’
चौधरी ने कहा कि मंत्रिमंडल ने युद्धग्रस्त पड़ोसी देश के बदलते हालात को लेकर भी विस्तार से चर्चा की। पाकिस्तान सरकार के मंत्री ने कहा,’हम इस बात से संतुष्ट हैं कि अफगानिस्तान में बदलाव के कारण न तो कोई रक्तपात हुआ और न ही युद्ध शुरू हुआ।’ इस बीच अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवान ने कहा है कि अमेरिका पहले भी साबित कर चुका है कि स्थायी तौर पर सेना तैनात किए बगैर भी वह आतंकवाद को कुचल सकता है, और हम अफगानिस्तान में वही करने जा रहे हैं। सुलिवान का इस बयान को तालिबान के लिए चेतावनी माना जा रहा है। बता दें कि अफगानिस्तान के कई इलाकों से तालिबान लड़ाकों की ज्यादतियों की खबरें आ रही हैं, हालांकि संगठन इनसे इनकार कर रहा है।
पेंटागन के अधिकारियों ने कहा कि अमेरिकी सेना तालिबान के साथ समन्वय कर रही है जबकि काबुल एयरपोर्ट से विमानों के जरिये अमेरिकियों और अफगान सहयोगियों को ले जाने के अभियान को तेज कर रही है। उन्होंने बताया कि दो सप्ताह में सभी लोगों को अफगानिस्तान से निकालने के लिए अतिरिक्त अमेरिकी सैनिकों को भी लाया जा रहा है। सेना के मेजर जनरल विलियम टेलर ने पेंटागन के प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एयरपोर्ट पर रात में वायुसेना के 9 सी-17 परिवहन विमान उपकरण और लगभग 1,000 सैनिकों के साथ पहुंचे और सात सी-17 विमानों के जरिये 700-800 नागरिकों को निकाला गया, जिसमें 165 अमेरिकी शामिल थे।
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