भारतीय अर्थव्यवस्था के कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रभाव से तेजी से उबरने की उम्मीद है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक सर्वे में कहा गया कि दूसरी लहर के दौरान लॉकडाउन मुख्य रूप से सामाजिक आयोजनों या भीड़भाड़ को सीमित करने के लिए लगाया गया था। इनसे आर्थिक गतिविधियां अधिक प्रभावित नहीं हुईं।
सर्वे में शामिल करीब 60 प्रतिशत मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) ने कहा कि उनकी कंपनी की बिक्री में सुधार महामारी की पहली लहर की तुलना में अधिक तेजी से से होगा। सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, ”सीआईआई के सीईओ के सर्वे में 119 शीर्ष कंपनियों के विचारों को शामिल किया गया है। सर्वे से संकेत मिलता है कि दूसरी लहर के प्रभाव से अर्थव्यवस्था अधिक तेजी से उबरेगी। दूसरी लहर से आर्थिक गतिविधियां अधिक प्रभावित नहीं हुईं, क्योंकि इस दौरान लॉकडाउन भीड़भाड़ को कम करने के लिए लगाया गया था। पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर में लॉकडाउन का अर्थव्यवस्था की वृद्धि पर सीमित असर होगा।”
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सर्वे में कहा गया है कि दूसरी लहर के आर्थिक गतिविधियों पर प्रभाव को कम करने और उपभोक्ता धारणा को मजबूत करने के लिए टीकाकरण सबसे महत्वपूर्ण है। सर्वे में शामिल 60 प्रतिशत सीईओ ने कहा कि उनकी कंपनियों ने दूसरी लहर के दौरान अपने परिचालन को कम किया। सर्वे में शामिल 81 प्रतिशत सीईओ ने कहा कि दूसरी लहर से चालू साल की पहली छमाही में उनके क्षेत्र का निर्यात पिछले साल की समान अवधि की तुलना में अधिक प्रभावित नहीं होगा। सर्वे में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर बड़े प्रोत्साहनों तथा टीकाकरण की तेज रफ्तार से मांग की स्थिति बेहतर है।
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