धर्मांतरण पर IAS अफसर का वीडियो वायरल, SIT जांच के आदेश
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले धर्म परिवर्तन रैकेट का मुद्दा गरमाया हुआ है। अब धर्मांतरण पर एक आईएएस अफसर का वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वो कथित तौर पर धर्मांतरण के फायदे गिनाते नजर आ रहे हैं। वीडियो वायरल होने पर सरकार हरकत में आ गई है और वायरल वीडियो की SIT जांच का आदेश दिया गया है। SIT के हेड डीजी सीबीसीआईडी जीएल मीणा होंगे। एसआईटी 7 दिन में अपनी रिपोर्ट देगी।
सोशल मीडिया में जो वीडियो वायरल हो रहे हैं वह IAS अफसर मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के बताए जा रहे हैं। हालांकि, इंडिया टीवी इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। इस वायरल वीडियो में धर्म परिवर्तन की बात की जा रही है। यह वीडियो यूपी रोडवेज के चेयरमैन इफ्तिखारुद्दीन का बताया जा रहा है। इफ्तिखारुद्दीन कानपुर के कमिश्नर भी रह चुके हैं और ये वीडियो उसी समय का बताया जा रहा है। इन वीडियोज में आईएएस अफसर इफ्तिखारुद्दीन धर्मांतरण के फायदे गिनाते नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो किसी घर के अंदर का लग रहा है जहां आईएएस अफसर के साथ कुछ लोग भी नजर आ रहे हैं। इस वीडियो में आईएएस अफसर कुर्सी पर बैठे नजर आ रहे हैं जबिक उनके साथ के कुछ लोग जमीन पर बैठे हैं।
वायरल वीडियो में इफ्तिखारुद्दीन इस्लाम के फायदे गिनाते नजर आ रहे हैं। वीडियो में वो ये कह रहे हैं कि अल्लाह की बादशाहत और निजामियत पूरी दुनिया में कायम करनी है। इस वीडियो में एक मौलाना भी नजर आ रहा है, जो ये कह रहा है कि पंजाब में एक शख्स ने इस्लाम कबूला। वो ये भी कह रहा है कि यूपी एक ऐसा सेंटर है जहां से पूरे देश और दुनिया में अपना काम कर सकते हैं।
इस मामले में हमारे संवाददाता विशाल प्रताप सिंह ने यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से बात की तो उन्होंने कहा कि अगर आरोप सही हैं तो इसे किसी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता।हमारे संवाददाता विशाल प्रताप सिंह सिंह लखनऊ में IAS मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के घर पहुंचे ताकि उनसे इस वायरल वीडियो के बारे में बातचीत की जा सके लेकिन वो घर पर मौजूद नहीं थे।
कौन हैं इफ्तिखारुद्दीन ?
- सीनियर आईएएस अफसर
- यूपीएसआरटीसी के चेयरमैन
- कानपुर के पूर्व कमिश्नर
मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन 17 फरवरी 2014 से 22 अप्रैल 2017 तक कानपुर के कमिश्नर रहे। वह लेबर कमिश्नर भी रह चुके हैं। वीडियो वायरल होने के बाद कानपुर के कर्मचारी नेता भूपेश अवस्थी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इसकी ऑनलाइन शिकायत की है और कार्रवाई की मांग की है।
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