चैत्र नवरात्रि 2021 अब समापन की ओर हैं। 21 अप्रैल दिन बुधवार को रामनवमी है। रामनवमी के अगले दिन यानी 22 अप्रैल दशमी तिथि को चैत्र नवरात्रि व्रत का पारण किया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्रि व्रत पारण नवमी तिथि के समाप्त और दशमी तिथि के प्रारंभ में किया जाता है। जानिए इस साल दशमी तिथि पर कौन-से बन रहे शुभ मुहूर्त और जानिए इस दिन बनने वाले ग्रह-नक्षत्रों का शुभ योग-
22 अप्रैल 2021, दिन गुरुवार को सूर्योदय सुबह 05 बजकर 39 मिनट और सूर्यास्त शाम 06 बजकर 36 मिनट पर होना है। इस दिन चंद्रोदय 22 अप्रैल की सुबह 01 बजकर 35 मिनट और चंद्रास्त 23 अप्रैल की सुबह 03 बजकर 08 मिनट पर होना है।
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दशमी तिथि के दिन बनने वाले ग्रह-नक्षत्र-
तिथि- दशमी – 11:35 पी एम तक।
नक्षत्र- अश्लेशा – 08:15 ए एम तक।
एकादशी- मघा।
योग- गण्ड – 05:02 पी एम तक।
करण- तैतिल – 12:11 पी एम तक।
वृद्धि- गर – 11:35 पी एम तक।
वार- गुरुवार।
पक्ष- शुक्ल पक्ष।
राशि और नक्षत्र-
चन्द्र राशि कर्क – 08:15 ए एम तक।
नक्षत्र पद- अश्लेशा – 08:15 ए एम तक तक।
सिंह- मघा – 02:12 पी एम तक।
सूर्य राशि- मेष
मघा – 08:05 पी एम तक।
सूर्य नक्षत्र- अश्विनी मघा – 01:55 ए एम, अप्रैल 23 तक।
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दशमी तिथि के दिन इन शुभ मुहूर्त में करें पारण-
ब्रह्म मुहूर्त- 04:09 ए एम, अप्रैल 23 से 04:54 ए एम, अप्रैल 23 तक।
प्रातः संध्या- 04:31 ए एम, अप्रैल 23 से 05:38 ए एम, अप्रैल 23 तक।
अभिजित मुहूर्त- 11:41 ए एम से 12:33 पी एम तक।
विजय मुहूर्त- 02:17 पी एम से 03:09 पी एम तक।
गोधूलि मुहूर्त- 06:23 पी एम से 06:47 पी एम तक।
अमृत काल- 06:38 ए एम से 08:15 ए एम तक।
निशिता मुहूर्त- 11:45 पी एम से 12:29 ए एम, अप्रैल 23 तक।
रवि योग- पूरे दिन।
दशमी तिथि के दिन बनने वाले अशुभ मुहूर्त-
राहुकाल- 01:44 पी एम से 03:22 पी एम तक।
यमगण्ड- 05:39 ए एम से 07:16 ए एम तक।
गुलिक काल- 08:53 ए एम से 10:30 ए एम तक।
दुर्मुहूर्त- 09:58 ए एम से 10:50 ए एम तक।
वर्ज्य- 07:59 पी एम से 09:32 पी एम तक और 03:09 पी एम से 04:00 पी एम तक।
गण्ड मूल- पूरे दिन
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