
छह साल की उम्र में मादक पदार्थ का सेवन शुरू करने के बाद हिरोइन की आदी महिला ने अपने असाधारण बदलाव को शेयर किया है. उसने बताया है कि कैसे उसकी जिंदगी में बदलाव आया, कैसे दृढ़ इच्छाशक्ति की बदौलत यूनिवर्सिटी की शिक्षा पूरी की.
नशे की लत से ग्रेजुएट होने तक का सफर
वी गिनी बर्टन लंबे समय तक हेरोइन के नशे की लत में फंसी रही, वर्षों घर से बेघर रही और यहां तक उसने जेल में भी समय बिताया. लेकिन, किसी तरह, उसने अंधेरे से निकलने के लिए अपनी लड़ाई जारी रखी और खुद की एक सफल कहानी रची. अब, 48 वर्ष की उम्र में महिला राजनीति शास्त्र में यूनिवर्सिटी ग्रेजुएट है. उसके असाधारण सफर के संघर्ष की कहानी वायरल हो रही है. 2012 में उसकी जिंदगी पूरी तरह बदल गई जब उसे आखिरी बार गिरफ्तार किया गया.
48 वर्षीय महिला का पहली बार नशा से उक्त परिचय हुआ जब 6 साल की उम्र में उसकी मां ने उसे भांग दिया, और 23 साल की उम्र तक उसे हेरोइन की लत लग गई. नशे की गंभीर लत का खामियाजा उसकी व्यक्तिगत जिंदगी पर पड़ा और कई वर्षों तक बेघर रही. लत की समस्या के साथ-साथ कुछ वक्त कैद में बिताकर उसने खुद को सुधारने का फैसला किया और इस तरह सिऐटल में वाशिंगटन यूनिवर्सिटी पहुंची. वहां से उसने स्तानक की पढ़ाई पूरी की.
महिला के बदलाव की कहानी वायरल
उसने पिछले महीने खुद का दो फोटो फेसबुक पर पोस्ट किया और संक्षिप्त में कामयाबी के लिए किए गए अपने संघर्ष से रूबरू कराया. उसकी एक तस्वीर उस वक्त की है जब महिला भयंकर नशे की चपेट में थी, और दूसरी तस्वीर में उसे यूनिवर्सिटी का कैप और गाउन पहने देखा जा सकता है. उसने लिखा, “इसके बारे में प्रेरणा कैसे आई? मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि मेरी जिंदगी आज की तरह दिखाई देगी.
ईमानदारी से कहूं तो मेरा मानना था कि मेरी मौत पार्क के किसी बेंच पर होगी और मेरे बाजू में एक सुई या सिर में गोली लगी होगी." उसने बताया कि अपने आप को कम आंकना बंद कर दो. आप नहीं जानते कल आपके साथ क्या हो सकता है, इसलिए आज से सोचना शुरू करो.”
[fb]https://www.facebook.com/photo.php?fbid=5508102095929685&set=a.1673899159350017&type=3[/fb]
दो बच्चों की मां गिन्नी ने 2017 में यूनिवर्सिटी की पढ़ाई शुरू की और उसे सही रास्ते पर वापसी का जरिया बनाया. उसने ये भी बताया कि उसका संबंध मालदार परिवार से नहीं है और उसे माता-पिता को स्वास्थ्य समस्याओं के कारण खोना पड़ा था.
IIT Madras की रिसर्च में खुलासा, सिर्फ इतने फीसद बुजुर्गों के पास है स्वास्थ्य बीमा की सुविधा
प्रेगनेन्सी के बाद फिटनेस को कैसे करें बहाल, महिला पहलवान गीता फोगाट हैं बेहतरीन मिसाल
Source link