नार्वे के समुद्र किनारे कई महीनों पहले मिले शव की पहचान हो गई है. सोमवार को पुलिस ने बताया कि कुर्दिश ईरानी मूल के बच्चे का नाम आर्टिन था और उसकी उम्र 15 महीने की थी. नामी बच्चे की पुष्टि उसके डीएनए जांच के आधार पर हुई. पिछले साल अक्टूबर में उसके परिवार ने फ्रांस से इंग्लिश चैनल पार करने की कोशिश की थी. लेकिन, ब्रिटेन में नई जिंदगी शुरू करने की ख्वाहिश पूरी नहीं हो सकी और परिजनों के साथ बच्चे के भी डूबने से मौत हो गई.
नार्वे के समुद्र किनारे मिले शव की हुई पहचान
आर्टिन और परिवार के चार सदस्यों की नाव इंग्लिश चैनल पार करते हुए 27 अक्टूबर को डूब गई थी. घटना की जांच करनेवाली पुलिस प्रमुख का कहना है कि उनके पास नार्वे में किसी लापता बच्चे की रिपोर्ट दर्ज नहीं है और परिवार ने पुलिस से संपर्क नहीं किया है. गोताखोरों ने नेहजाद को डूबा पाया, जबकि उसकी पत्नी और दो बच्चों की मौत पानी से निकालने जाने के फौरन बाद हो गई. आर्टिन के शव का पता नहीं चलने पर उसे लापता लोगों की फेहरिस्त में शामिल कर लिया गया. आर्टिन के परिवार में 35 वर्षीय रसूल ईरान नजाद, 35 वर्षीय शिवा मोहम्मद पनाही, 9 वर्षीय अनीता और 6 वर्षीय आरमिन थे.
इंग्लिश चैनल पार करने के दौरान हुआ हादसा
उनका संबंध इराक से सटी सीमा के नजदीक पश्चिमी ईरान से था. परिवार एक मछली पकड़ने की छोटी नाव में ब्रिटेन पहुंचने की कोशिश कर रहा था. माना जाता है कि दो बार ट्रेन से ब्रिटेन में दाखिले के असफल प्रयास पर उन्होंने तस्कर को भारी रकम दी. लेकिन, क्षमता से ज्यादा नाव में 23 लोगों के साथ सफर करना महंगा पड़ गया. फ्रांस के एक अधिकारी ने बताया कि नाव के पलट जाने के बाद आर्टिन के परिवार समेत 19 लोग पानी में पाए गए. लेकिन ईरानी-कुर्दिश मानवाधिकार संगठन ने नाव पर 28 लोगों के सवार होने की जानकारी दी और कहा कि कई लोगों की गिनती पूरी नहीं की जा सकी है. अब, उस बच्चे के अवशेष को दफनाने के लिए वापस ईरान भेजा जा रहा है. ईरान नेहजाद के भाई खलील ने कहा कि उसके भाई ने अपने परिवार को ब्रिटेन लाने की कोशिश की थी ताकि उनको एक अच्छी जिंदगी दे सके. ईरान नेहजाद मजदूर के तौर पर काम कर रहा था जबकि उसकी पत्नी बेरोजगार थी.
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