भविष्य निधि (प्रोविडेंट फंड) किसी भी कर्मचारी की भविष्य की जमा पूंजी होती है, जो हर महीने जमा होते-होते एक बड़ी रकम बन जाती है. इसको लेकर लोगों के मन में जानने के लिए कई तरह के सवाल उठते रहते हैं. आइये बताते है कि किस आधार पर पांच साल के बाद जब आप पीएफ से पैसा निकालेंगे तो वह कर मुक्त होगा.
कोई कर्मचारी जिसने कई नियोक्ता कंपनियों में काम किया है, ऐसे में भविष्य निधि (PF) की शेष राशि सबसे हाल के नियोक्ता के पीएफ खाते में स्थानांतरित की जाती है. ऐसे में सभी नियोक्ताओं के साथ रोजगार की संचयी अवधि (cumulative period of employment) को मूल्यांकन के उद्देश्य से देखा जाना चाहिए कि क्या पांच साल या उससे अधिक की अवधि के लिए कर्मचारी ने निरंतर काम किया है.
उदाहरण के तौर पर, अगर आपने किसी नियोक्ता कंपनी के पास लगातार 8 साल काम किया है तो आप पहले से ही पांच साल से अधिक की लगातार अपनी सेवा दे चुके हैं. इसके अलावा, यह मानते हुए कि आप अपने प्रारंभिक नियोक्ता के अपने पीएफ फंड को वर्तमान नियोक्ता को ट्रांसफर करेंगे, ऐसी सूरत में आपके वर्तमान नियोक्ता के लिए भी निरंतर अवधि का मूल्यांकन करने के उद्देश्य से रोजगार की निरंतर अवधि पांच वर्ष से अधिक होगी, भले ही आपकी वर्तमान रोजगार की अवधि चाहे कुछ भी क्यों ना हो.
इसलिए, जब आप अपने वर्तमान नियोक्ता (प्रारंभिक नियोक्ता के साथ आपके पीएफ खाते से ट्रांसफर पैसे सहित) से पीएफ फंड के पैसे निकालते हैं, तो उसे कर मुक्त माना जा सकता है.
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