आर्थिक तंगहाली से जूझ रहे पाकिस्तान में भले ही ऋण के तले दबा हुआ हो और महंगाई की मार झेल रहा हो लेकिन वह लगातार अपनी सैन्य शक्ति को मजबूत करने में लगा हुआ है. और इस काम में उसका बखूबी साथ चीन दे रहा है. पाकिस्तान की सेना ने चीन निर्मित वीटी-4 युद्धक टैंकों के पहले बैच को औपचारिक रूप से अपने शस्त्रागार में शामिल कर लिया है.
चीन के सरकारी स्वामित्व वाले टैंक निर्माता नोरिन्को द्वारा निर्मित इन टैंकों की आपूर्ति पिछले साल अप्रैल में शुरू हुई थी. थाइलैंड तथा नाइजीरिया के बाद इन टैंकों को चीन से खरीदने वाला पाकिस्तान तीसरा देश है.
सेना के मीडिया प्रकोष्ठ ने एक बयान में कहा कि मंगला कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल शाहीन महमूद ने बुधवार को शस्त्रागार का दौरा किया तथा वीटी-4 टैंकों के पहले बैच का मुआयना किया. चीन रक्षा क्षेत्र में पाकिस्तान का साझेदार बन गया है. पाकिस्तान उससे अनेक हथियार खरीदता आ रहा है.
विश्वबैंक ने पाकिस्तान को 80 करोड़ अमेरिकी डॉलर का ऋण मंजूर किया
विश्व बैंक ने स्वच्छ ऊर्जा और मानव पूंजी विकास से संबंधित योजनाओं के वित्तपोषण के लिए पाकिस्तान को 80 करोड़ अमेरिकी डॉलर के ऋण को मंजूरी दी है. एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने बुधवार को बताया कि ऋण राशि का इस्तेमाल उन योजनाओं के लिए किया जाएगा, जो वित्त वर्ष 2021-22 के बजटीय घाटे के कारण पूरी नहीं हो सकीं थीं. विश्वबैंक के निदेशक मंडल ने दो कार्यक्रमों – प्रोग्राम फॉर अफोर्डेबल एंड क्लीन एनर्जी (पेस) और सिक्योरिंग ह्यूमन इनवेस्टमेंट टू फोस्टर ट्रांसफॉर्मेशन (शिफ्ट-दो) के वित्तपोषण को मंजूरी दी.
अखबार ने विश्व बैंक के दस्तावेजों का हवाला देते हुए बताया कि सरकार द्वारा कम से कम छह पूर्व शर्तों को स्वीकार करने के बाद बोर्ड ने 40 करोड़ अमेरिकी डॉलर के पेस ऋण को मंजूरी दी. इन शर्तों में बिजली उत्पादन लागत में कमी सुनिश्चित करना, नई बिजली परियोजनाओं के लिए प्रतिस्पर्धी बोली, स्वच्छ ऊर्जा, बिजली की दरों में 1.95 रुपये प्रति यूनिट की वृद्धि शामिल हैं.
विश्वबैंक ने शिफ्ट-दो के लिए 40 करोड़ अमेरिकी डॉलर को भी मंजूरी दी जो मानव पूंजी संचय के लिए बुनियादी वितरण सेवा को मजबूत करने के लिए एक संघीय ढांचे का समर्थन करता है.
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