प्रधानमंत्री इमरान खान की अगुवाई वाली पाकिस्तान सरकार ने विपक्ष के नेता शहबाज़ शरीफ का नाम ‘उड़ान प्रतिबंध’ सूची में शामिल कर लिया है. इस वजह से वह उपचार के लिए देश से बाहर नहीं जा सकेंगे. वह भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं. इस महीने के शुरू में लाहौर उच्च न्यायालय ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ के छोटे भाई शहबाज़ को इलाज के लिए विदेश जाने की अनुमति दे दी थी.
जमानत मिलने के बाद, 69 वर्षी शहबाज़ को आठ मई को लंदन जाना था किंतु संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) की टीम ने उन्हें हवाई अड्डे पर रोक लिया और बताया कि उनका नाम अस्थायी राष्ट्रीय पहचान सूची (पीएनआईएल) में हैं जो देश छोड़ने पर अस्थायी रोक लगाती है. शाहबाज़ को आठ मई को दोहा जाने वाली उड़ान से उतरना पड़ा.
सोमवार को यहां एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए गृह मंत्री शेख रशीद अहमद ने कहा कि शहबाज़ का नाम संघीय कैबिनेट की मंजूरी के बाद निकास नियंत्रण सूची (ईसीएल) में है. गृह मंत्रालय की एक विशेष समिति ने 12 मई को कैबिनेट को प्रस्ताव दिया था कि भ्रष्टाचार के मामलों के कारण शहबाज़ को देश छोड़ने से रोका जाना चाहिए.
पिछले महीने जेल से छूटने के बाद शहबाज़ मेडिकल जांच के लिए लंदन जाना चाहते थे. गृह मंत्री ने कहा कि शहबाज़ ने विदेश यात्रा के लिए कोई मेडिकल दस्तावेज जमा नहीं कराए हैं और न ही अपनी बीमारी के इलाज के बारे में बताया था. पिछले हफ्ते शहबाज़ ने यात्रा काली सूची में अपना नाम शामिल किए जाने को चुनौती दी थी और एक बार इलाज के लिए विदेश जाने की अनुमति मांगी थी.
शीर्ष पीएमएल-एन नेता ने कहा, “मैं कैंसर रोगी हूं और मैंने न्यूयॉर्क और लंदन में इलाज कराया है. मैं सात महीने से अधिक समय तक उपचार नहीं करवा सका क्योंकि मैं जेल में था.” उन्होंने कहा कि जेल में की गई जांच रिपोर्ट के आधार तत्काल उपचार की जरूरत है. अहमद ने कहा कि शहबाज़ ने ‘‘अपने भाई नवाज़ की जमानत दी थी। लेकिन उन्हें वापस लाने के बजाय, वह स्वयं भागने की कोशिश कर रहे थे.”
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, “यदि नवाज़ शरीफ नहीं लौटे तो शहबाज़ वापस क्यों आएंगे? यह सामान्य ज्ञान की बात है.” शरीफ नवंबर 2019 से “मेडिकल आधार” पर लंदन में हैं. सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने यह भी कहा कि कैबिनेट से मंजूरी और कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद शहबाज़ का नाम उड़ान प्रतिबंध (नो फ्लाई) सूची में शामिल किया गया है.
इस बीच, सरकार के इस कदम की आलोचना करते हुए पीएमएल-एन के नेता आज़म नजीर तरार ने कहा कि पार्टी अदालत की अवमानना का मामला दायर करेगी, क्योंकि सरकार अदालती आदेश के बाद भी शहबाज़ को देश से बाहर नहीं जाने दे रही है.
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