लंदन. प्रिंस हैरी को बुधवार को अपनी नवजात पुत्री का नाम अपनी दादी महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के उपनाम (निकनेम) पर लिलिबेट रखने के मामले में एक बयान जारी करना पड़ा। इससे पहले बकिंगम पैलेस के सूत्रों ने दावा किया कि 95 वर्षीय महारानी से नामकरण के फैसले के बारे में पूछा नहीं गया था.
शाही महल के एक सूत्र ने बीबीसी से कहा कि दंपती ने अपनी नवजात पुत्री के नामकरण के बारे में महारानी से नहीं पूछा था. उन्होंने इन खबरों को खारिज कर दिया कि प्रिंस हैरी और मेगन मर्केल ने नाम के संबंध में जन्म से पहले ही महारानी से बात कर ली थी.
लिलिबेट ‘लिली’ डायना माउंटबैटन-विंडसर का जन्म कैलिफोर्निया के सेंटा बारबरा में चार जून को हुआ था जहां ड्यूक और डचेस ऑफ ससेक्स अब रहते हैं. रविवार को जन्म की आधिकारिक घोषणा की गयी.
ड्यूक और डचेस ऑफ ससेक्स के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ड्यूक ने घोषणा से पहले ही अपने परिवार से बात कर ली थी. दरअसल सबसे पहले उन्होंने अपनी दादी से ही बात की थी.’’ प्रवक्ता ने कहा, ‘‘बातचीत के दौरान उन्होंने दादी के सम्मान में अपनी बेटी का नाम लिलिबेट रखने की उम्मीद जताई थी. अगर वह समर्थन नहीं करतीं तो वे इस नाम को नहीं रखते.’’
एलिजाबेथ द्वितीय के लिए परिवार की चौथी पीढ़ी की 11वीं संतान के रूप में हैरी और मेगन की दूसरी संतान को एलिजाबेथ तथा हैरी की दिवंगत मां राजकुमारी डायना के सम्मान के तौर पर लिलिबेट डायना नाम दिया गया है.
यह उपनाम तब सामने आया था जब एलिजाबेथ शैशव अवस्था में थीं और अपना नाम सही से नहीं ले सकती थीं. उनके दादा जॉर्ज पंचम उन्हें प्यार से लिलिबेट पुकारते थे. बाद में महारानी के दिवंगत पति ड्यूक ऑफ एडनबर्ग भी उन्हें प्यार से इसी नाम से बुलाते थे.
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