प्रेगनेन्सी में मलेरिया का मां और भ्रूण पर प्रभाव, इन संकेतों से लगाएं पता

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मॉनसून डेंगू, मलेरिया वेक्टर जनित बीमारियों के जोखिम को काफी बढ़ा देता है. मौसमी बीमारियां एक ऐसे समय में घातक हो सकती हैं जब हम वर्तमान में कोविड-19 महामारी से निपट रहे हैं. जिन व्यस्कों को पूर्व में मलेरिया हो चुका है, उनकी जिंदगी में खतरनाक या गंभीर मलेरिया के खिलाफ आंशिक इम्यूनिट विकसित हो सकती है.

ट्यूबरक्लोसिस के बाद, मलेरिया संक्रामक बीमारियों से मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है. सेंटर फोर डिजीज एंड कंट्रोल के मुताबिक, प्रेगनेन्ट महिलाएं अपने इम्यून सिस्टम में बदलाव और एक नया अंग यानी प्लेसेंटा के वजूद के कारण मलेरिया संक्रमण से थोड़ा सुरक्षा खो देती हैं. इसलिए, प्रेगनेन्सी में मलेरिया परिवर्तित इम्यून रिस्पॉन्स के कारण ज्यादा गंभीर होता है. ये मां और बच्चे दोनों को प्रभावित कर सकता है. 

मलेरिया प्रेगनेन्सी को कैसे प्रभावित करता है?
मैक्स अस्पताल, वैशाली में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर हेमांगी नेगी ने प्रेगनेन्ट महिलाओं पर मलेरिया के पड़नेवाले प्रभावों को समझाया. उनके मुताबिक, मां में ये एनीमिया या यहां तक कि मां की मौत का कारण बन सकता है. मलेरिया से प्रीमेच्योर जन्म, बच्चे का कम वजन, गर्भ में पल रहे शिशु का कम विकास और गर्भ में बच्चे की मौत हो सकती है. ऐसे में सवाल पैदा होता है कि क्या प्रेगनेन्ट होते हुए मलेरिया की दवा लेना उचित है? प्रेगनेन्सी में मलेरिया-रोधी दवाएं ली जा सकती हैं. क्लोरोक्विन, कुनेन और एजिथ्रोमायसिन प्रमुख मलेरिया के खिलाफ दवा है. 

क्या मलेरिया से मिसकैरेज हो सकता है?
प्रेगनेन्सी में मलेरिया मिसकैरेज का कारण बन सकता है, विशेषकर शुरुआती प्रेगनेन्सी में. मलेरिया-रोधी टैबलेट का इस्तेमाल मिसकैरेज की रोकथाम में मदद कर सकता है. प्रेगनेन्ट महिलाएं मलेरिया से पीड़ित होने पर प्रेगनेन्सी के किसी महीने में मलेरिया के खिलाफ दवा ले सकती हैं. क्लोरोक्विन, कुनेन और एजिथ्रोमायसिन जैसे दवाओं का भ्रूण पर मरेलिया-रोधी प्रभाव नहीं होता है. 

प्रेगनेन्सी में मलेरिया के संकेत और लक्षण
मलेरिया की चपेट में आनेवाली प्रेगनेन्ट महिलाओं को ठंड के साथ बुखार, सिर दर्द, मसल्स में दर्द, जोड़ों में दर्द, असुविधा का एहसास, मतली, उल्टी, पेट का दर्द, डिहाइड्रेशन, एनीमिया जैसे लक्षणों का अनुभव हो सकता है. इन लक्षणों के सामने आने पर प्रेगनेन्ट महिलाओं को पेचीदगियों से बचने के लिए तत्काल डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

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