पिछले महीने अप्रैल में बिटकॉइन की कीमत 64,600 अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई थी. यानी एक बिटकॉइन की कीमत 48.5 लाख भारतीय रुपये. लेकिन सिर्फ एक महीने के बाद बिटकॉइन की कीमत औंधें मुंह गिर गई है. अब इसकी कीमत पहले के 5.1 प्रतिशत से गिरकर 42,547 डॉलर यानी 31 लाख रुपये तक पहुंच गई है. बिटकॉइन ही नहीं अन्य क्रप्टोकरेंसी का भी यही हाल है. दरअसल, पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने इस बात को दोहराया है कि किसी भी प्रकार के डिजिटल टोकन पैमेंट को किसी भी रूप में भुगतान के रूप स्वीकार नहीं किया जा सकता.
एलन मस्क के बयान से आई थी कीमत में तेजी
पिछले महीने टेस्ला कंपनी के मालिक एलन मस्क ने बिटकॉइन को स्वीकार करने की बात कहकर क्रिप्टोकरेंसी की दर को सातवें आसमान पर पहुंचा दिया था. इसके बाद बिटकॉइन में सबसे ज्यादा तेजी देखी गई लेकिन पिछले दो सप्ताह से बिटकॉइन की कीमत लगातार घट रही है. फरवरी के बाद बिटकॉइन की कीमत में सबसे बड़ी गिरावट आई है. बिटकॉइन के अलावा इथर, इंटरनेट कंप्यूटर और डॉजीकॉइन में लगातार गिरावट जारी है.
2017 से चीन में वर्चुअल करंसी पर शिकंजा
पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने वीचैट पर एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा है कि किसी भी तरह की वर्चुअल करंसी का इस्तेमाल बाजार में नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह वास्तविक मुद्रा नहीं है. उन्होंने कहा कि वित्तीय और भुगतान आधारित संस्थाओं को वर्चुअल करंसी के साथ किसी भी तरह की वित्तीय लेनदेन या सेवा की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. चीन 2017 से ही वर्चुअल करंसी पर लगातार शिकंजा कसता रहा है.
उसने सभी तरह के वर्चुअल करेंसी के कारोबार को अपने देश में प्रतिबंधित किया है. हालांकि एक समय वर्चुअल करेंसी का 90 प्रतिशत कारोबार चीन में ही होता था. लेकिन 2017 के बाद चीन में वर्चुअल करेंसी का कोराबार करने वाले कई कारोबारियों को विदेश भागना पड़ा. चीन में हाल ही में अपना डिजिटल युआन जारी हुआ है लेकिन यह भी बैंक द्वारा नियंत्रित नहीं है. सेक्सो मार्केट के सीईओ एडम रिनोल्ड का कहना है कि चीन पहले से ही क्रिप्टोकरेंसी की राह में रोड़ा बना हुआ है इसलिए हालिया बयान चौंकाने वाला नहीं है.
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