सेविंग अकाउंट या बचत खाता लगभग सभी का होता है. इस खाते का इस्तेमाल पैसे रखने और पैसों के लेन-देने के लिए होता है. हालांकि सेविंग अकाउंट कई बाते ऐसी भी हैं जिनके बारे में लोगों को कम ही पता होता है. हम आपको आज सेविंग अकाउंट से जुड़ी जरुरी बातों के बारे में बता रहे हैं.
पैसों का लेन-देन
सेविंग अकाउंट का सबसे बड़ा फायदा यही है कि यह इसमें लोग अपने पैसे रखते हैं. इस खाते में हम पैसे मंगवा भी सकते हैं और किसी को पैसे भेज भी सकते हैं. किसी बिल का भुगतान भी बचत खाते के जरिए किए जा सकता हैं. सरकारी सब्सिडी भी इस खाते में आ सकती हैं.
कई तरह से भुगतान की सुविधा
सेविंग अकाउंट का एक फायदा यह भी है कि इससे आप कई तरह से भुगतान कर सकते हैं. डेबिट कार्ड, चेक और इंटरनेट बैंकिंग के जरिए बचत खाते से ट्रांजेक्शन हो सकता है. बैंकों के मोबाइल ऐप के जरिए भी इस खाते का इस्तेमाल किया जा सकता है. बचत खाते से कितना लेनदेन हुआ है इसकी पूरी जानकारी आपको स्टेटमेंट के जरिए मिलती रहती है.
न्यूनमत बैलेंस की सुविधा
बचत खाते में मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी होता है. अगर खाते में न्यूनतम बैलेंस नहीं है तो कुछ जुर्माना देना पड़ता है. हालांकि बचत खाते भी अलग-अलग तरह के होते हैं. कुछ सेविंग्स अकाउंट ऐसे भी होते हैं, जिनमें न्यूनतम बैलेंस रखने की शर्त नहीं होती है.
जमा पैसों पर मिलता है ब्याज
बचत खाते में जो रकम जमा करवाई जाती है उस पर ब्याज मिलता है. ब्याज दर अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग हो सकती है. फिलहाल सेविंग अकाउंट पर 3-4 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है. बैंकों की तरफ से ब्याज दर समय समय पर बदल दी जाती है. ब्याज तिमाही, छमाही या सालाना तौर पर मिलता है.
ब्याज पर लगता है टैक्स
बचत खाते पर जो ब्याज मिलता है उस पर टैक्स लगता है. आप किस टैक्स स्लैब में आते हैं, इस आधार पर टैक्स लगता है. इनकम टैक्स के नियमों के अनुसार अगर बचत खाते से मिले ब्याज की रकम 10 हजार रुपये से अधिक होती है तो धारा 80टीटीए के तहत आपको उस पर टैक्स देना होगा. सीनियर सिटीजन के लिए ये सीमा 80टीटीबी के तहत 50 हजार रुपये की है.
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