बिटकॉइन की कीमत को लेकर आई है फिर बड़ी खबर

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काफी उतार-चढ़ाव के बाद बिटकॉइन की कीमत एक बार फिर 40 हजार डॉलर के पार पहुंच गई है. पिछले दो सप्ताह में यह सबसे बड़ा उछाल है. विश्व की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी सोमवार को 4.5 प्रतिशत ऊपर चढ़कर 41,020 डॉलर पर पहुंच गई. शुक्रवार से बिटकॉइन की कीमत में लगभग 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. नेशनल सिक्योरिटी के चीफ स्ट्रैटजिस्ट Art Hogan ने ब्लूमबर्ग को बताया कि 40 हजार से कीमत ऊपर पहुंचना तकनीकी रूप से सकारात्मक है. तकनीकी विश्लेषण का इस्तेमाल करते हुए जब कुछ लोग पूछते हैं कि कब यह 40 हजार डॉलर के पार जाएगा तो इसका मतलब है कि इसमें नकारात्मक संदेश है लेकिन जब 40 हजार डॉलर के पार पहुंच गया तो यह एक सकारात्मक संदेश है. 


हमेशा अस्थिर रही करेंसी 
ज्यादातर विश्लेषकों का मानना है कि बिटकॉइन की कीमत 42500 डॉलर के पार जाएगी. इसका मतलब यह हुआ है कि आने वाले 200 दिनों बिटकॉइन 50 हजार डॉलर का आंकड़ा भी पार कर सकता है. मेरिल लिंच के पूर्व कारोबारी Tom Essaye का कहना है कि बिटकॉइन हमेशा से उतार-चढ़ाव वाली करेंसी रही है. इसमें कभी भी स्थिरता नहीं थी.  उन्होंने कहा कि बिटकॉइन में स्थिरता लाने के लिए यह जरूरी है कि इसे उचित वैध रूप दिया जाए. हाल ही के कुछ महीनों में बिटकॉइन की कीमत में जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखा गया है. एक समय बिटकॉइन की कीमत 65 हजार डॉलर के करीब पहुंच गई थी लेकिन अप्रैल महीने में इसकी कीमत में 30 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट देखी गई.  
 
कीमत में एलन मस्क का एंगल
इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी टेस्ला के मालिक एलन मस्क का बिटकॉइन की कीमत के उतार-चढ़ाव में महत्वपूर्ण योगदान है. जनवरी में जब उसने कार की खरीद में बिटकॉइन को लेने की बात कही थी तब इसकी कीमत 65 हजार डॉलर तक पहुंच गई. इसके बाद अप्रैल में मस्क ने पुराने ऑफर को वापस ले लिया. साथ ही कहा गया कि मस्क ने बिटकॉइन में 1.5 अरब डॉलर का जो निवेश किया है, उनमें से बड़े हिस्से को वापस ले रहे हैं. इसके बाद बिटकॉइन की कीमत धाराशायी हो गई. फिर चीनी पब्लिक बैंक ने भी बिटकॉइन की काफी आलोचना की. इन सबसे बिटकॉइन की कीमत 30 हजार ड़ॉलर से भी नीचे आ गई थी. 
 
क्या है बिटक्वाइन?
बिटक्वाइन वर्चुअल करेंसी है. इसकी शुरुआत साल 2009 में हुई थी, जो कि अब धीरे-धीरे इतनी लोकप्रिय हो गई है कि इसकी एक बिटक्वाइन की कीमत लाखों रुपये में के बराबर पहुंच गई है. इसे क्रिप्टोकरेंसी भी कहा जाता है, क्योंकि भुगतान के लिए यह क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल करता है. इस करेंसी को भविष्य की करेंसी भी कह सकते हैं. 


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