नई दिल्ली: सरकार ने बुधवार को लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) और एनएससी (राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र) समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 1.1 प्रतिशत तक की कटौती की। यह कटौती एक अप्रैल से शुरू 2021-22 की पहली तिमाही के लिये की गयी है। ब्याज दर में घटने के रुझान के अनुरूप यह कदम उठाया गया है। वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, पीपीएफ पर ब्याज 0.7 प्रतिशत कम कर 6.4 प्रतिशत जबकि एनएससी पर 0.9 प्रतिशत कम कर 5.9 प्रतिशत कर दी गयी है। लघु बचत योजनाओं पर ब्याज तिमाही आधार पर अधिसूचित की जाती है।
अधिसूचना के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही अप्रैल-जून अवधि के लिये विभिन्न लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें संशोधित की गयी हैं। पंच वर्षीय वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर ब्याज दर 0.9 प्रतिशत घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दी गयी है। इस योजना के तहत ब्याज तिमाही आधार पर दिया जाता है। पहली बार बचत खाते में जमा रकम पर ब्याज 0.5 प्रतिशत घटाकर 3.5 प्रतिशत कर दी गयी है। अबतक इस पर सालाना 4 प्रतिशत ब्याज मिलता था।
ब्याज में सर्वाधिक 1.1 प्रतिशत की कटौती एक साल की मियादी जमा राशि पर की गयी है। अब इस पर ब्याज 4.4 प्रतिशत होगा जो अबतक 5.5 प्रतिशत था। इसी प्रकार, दो साल के लिये मियादी जमा पर पर ब्याज 0.5 प्रतिशत घटाकर 5 प्रतिशत, तीन साल की अवधि के मियादी जमा पर ब्याज 0.4 प्रतिशत कम किया गया है जबकि पांच साल के लिये मियादी जमा पर ब्याज 0.9 प्रतिशत कम कर 5.8 प्रतिशत कर दिया गया है।
बालिकाओं के लिये बचत योजना सुकन्या समृद्धि योजना खाते पर ब्याज 2021-22 की पहली तिमाही के लिये 0.7 प्रतिशत घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया गया है। किसान विकास पत्र पर सालाना ब्याज दर 0.7 प्रतिशत कम कर 6.2 प्रतिशत कर दी गयी है। अबतक इस पर ब्याज 6.9 प्रतिशत थी। वित्त मंत्रालय ने 2016 में ब्याज दर तिमाही आधार पर तय किये जाने की घोषणा करते हुए कहा था कि लघु बचत योजनाओं पर ब्याज सरकारी बांड के प्रतिफल से जुड़ी होंगी।
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