ब्रिटेन में संभावित एस्ट्राजेनिका वैक्सीन से जुड़े ‘खून का थक्का’ (Blood Clots) जमने के 25 नए मामले सामने आए हैं. पिछले दिनों इसकी वजह से यूरोपीय देशों को एहतियाती कदम उठाने पड़े थे. मेडिसिन्स एंड हेल्थ केयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी ने एक बयान में गुरुवार को कहा कि 24 मार्च तक कुल खून का थक्का जमने के मामले बढ़कर 30 हो गए हैं.
ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की तरफ से तैयार एस्ट्रेजेनिका की वैक्सीन पर जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है और यूरोप में इसके प्रति लोगों में समर्थन कम हो रहा है. हालांकि, कोरोना महामारी से पार पाने के लिए अभी भी वैक्सीन के टीके लगाए जा रहे हैं. यूरोप में अब तक लाखों लोगों को टीके लगाए जा चुके हैं.
ब्रिटेन में 6 लाख
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्रिटेन की एजेंसी ने कहा कि 24 मार्च तक एस्ट्रेजेनिका के 181 लाख वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है, जिनमें से 30 ऐसी घटना सामने आई है. इससे पहले एजेंसी ने कहा था कि 18 मार्च तक 110 लाख वैक्सीन की डोज दी गई थी, जिनमें से कुल 5 ऐसे खून का थक्का जमने के मामले सामने आए थे.
नई रिपोर्ट्स के आने के बाद ब्रिटेन में एस्ट्रोजेनिका वैक्सीन की 6 लाख डोज में ऐसा सिर्फ एक मामला आया है. हालांकि फाइजर और बायोटेक की वैक्सीन भी ब्रिटेन में लगाई जा रही है, लेकिन उससे ऐसी कोई घटना सामने नहीं आई है.
मेडिसिन्स एंड हेल्थ केयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी ने कहा- “मौजूदा समीक्षा के आधार पर कोविड-19 टीका का फायदा इससे होने वाले किसी भी जोखिम से ज्यादा है और आपको जब भी वैक्सीन के लिए आमंत्रित किया जाता है आपको अपना टीका लगाना चाहिए.” बयान में आगे कहा गया- एस्ट्रेजेनिका और फाइजर की वैक्सीन ने कोविड-19 के खिलाफ ‘उच्च स्तर सुरक्षा’ की सुरक्षा दी है. हालांकि सभी वैक्सीन और दवाईयों के कुछ ना कुछ साइड इफैक्ट्स होते हैं.
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