सांसदों के इस प्रस्ताव से ब्रिटेन के मंत्रियों पर भी चीन के विरुद्ध आगे बढ़ने का दबाव बढ़ गया है। प्रस्ताव में चीनी नीतियों को नरसंहार के समान और मानवता के खिलाफ अपराध बताया गया है।
ब्रिटेन में चीन के खिलाफ पारित इस प्रस्ताव में सरकार से आह्वान किया गया है कि वह अंतरराष्ट्रीय कानून का इस्तेमाल कर चीन विरोधी कार्रवाई करे। हालांकि प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन सरकार ने शिनजियांग में उइगर अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ औद्योगिक स्तर पर मानवाधिकारों के हनन को लेकर नरसंहार की घोषणा से इनकार किया है।
मंत्रियों ने कहा है कि नरसंहार घोषित करने पर कोई भी फैसला अदालतों पर निर्भर करता है। लेकिन कंजर्वेटिव सांसद नुसरत गनी द्वारा पेश इस प्रस्ताव में ब्रिटेन के बहुसंख्यक सांसद चाहते हैं कि सरकार के मंत्री आगे बढ़ें। इससे सरकार दबाव में है।
सरकार के लिए बाध्यकारी नहीं होने के बावजूद इन प्रस्तावों से संकेत मिले हैं कि ब्रिटेन में चीन के कथित मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर रोष है। बता दें कि नुसरत गनी उन पांच सांसदों में शामिल हैं जिन्हें चीन ने हाल ही में प्रतिबंधित किया है।
सक्षम अदालतों से जुड़ा है मामला
हालांकि ब्रिटेन सरकार चीन के कुछ अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने के अलावा क्षेत्र में चीनी आपूर्ति श्रंखला को लेकर भी सख्त कदम उठा चुकी है। लेकिन सांसद चाहते हैं कि सरकार और आगे जाकर काम करे।
इस पर ब्रिटेन में एशिया मामलों के मंत्री निगेल एडम्स ने सरकार की स्थिति के बारे में संसद को बताया कि शिनजियांग में मानवाधिकारों के हनन से जुड़ा कोई भी फैसला सक्षम अदालतों को लेना होगा।
चीनी दूतावास ने की प्रस्ताव की निंदा
ब्रिटेन में चीनी दूतावास ने संसद के इस कदम की निंदा की है। उसने कहा है कि ब्रिटेन को चीन के हितों का सम्मान करने के लिए ठोस सदन उठाने चाहिए न कि इस तरह के कदम उठाना चाहिए। ब्रिटेन में चीनी दूतावास ने कहा, मुट्ठी भर ब्रिटिश सांसदों ने शिनजियांग में जिस नरसंहार का मुद्दा उठाया है वह सदी का सबसे बड़ा झूठ है और चीनी लोगों का अपमान है।
ऑस्ट्रेलिया को चीनी धमकी, फैसला वापस लें अन्यथा मुंहतोड़ जवाब देंगे
ऑस्ट्रेलिया में चीन की बीआरआई परियोजना से जुड़े दो समझौते रद्द होने के बाद चीन ने एक बार फिर धमकाया है कि ऑस्ट्रेलिया अब शीतयुद्ध की पक्षपात वाली मानसिकता से उबर जाए और इस फैसले को वापस ले, अन्यथा उसे करारा जवाब दिया जाएगा।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, विक्टोरिया प्रांत में चीन के साथ हुए समझौते को वापस लेकर ऑस्ट्रेलिया सरकार दोनों देशों के पहले से गंभीर हो चुके रिश्तों को और गंभीर होने से बचाए। उन्होंने कहा, कुल 4 समझौते रद्द हुए हैं जिनमें से दो चीन संबंधी हैं ऐसे में यदि उसने फैसला वापस नहीं लिया तो हम सख्त कार्रवाई करेंगे।
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