नीरव मोदी को ब्रिटेन से भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है लेकिन उसकी पैंतरेबाजी अब भी जारी है. ‘भगौड़ा’ साबित हो चुके नीरव मोदी ने भारत ना लाए जाने की एक आखिरी कोशिश की है. नीरव ने बुधवार को ब्रिटेन के हाईकोर्ट में प्रत्यपर्ण के खिलाफ याचिका दायर किया है. नीरव ने कोर्ट से अपील की है कि इस मामले में गंभीरता से विचार किया जाए.
दायर याचिका में कहा गया है कि भारत में जेलों की स्थिति जर्जर है और उसके खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं. इससे पहले लंदन के एक कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की थी, जिसमें नीरव मोदी को भारत ले जाने की मंजूरी दे दी थी. कोर्ट ने नीरव मोदी के सभी दावों को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि नीरव भारत के जेलों में सुरक्षित रहेगा. हालांकि, नीरव ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.
जानिए क्या है पूरा मामला
नीरव मोदी और मेहुल चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों के साथ मिलकर 14 हजार करोड़ से भी ज्यादा के लोन लेने का चार्ज है. दोनों पर मनी लांड्रिंग सहित कई मामले दर्ज किए गए हैं. सीबीआई और ईडी के अनुरोध पर ब्रिटेन से उसका प्रत्यपर्ण अगस्त, 2018 में मांगा गया था. हालांकि, अभी तक वह भारत नहीं लाया जा सका है. नीरव मोदी अभी लंदन की वंड्सवर्थ जेल में बंद है. प्रत्यपर्ण से बचने के लिए उसने कोर्ट से कहा था कि वह मानसिक रूप से बीमार है और भारतीय जेलों की स्थिति अच्छी नहीं है और ना ही सुविधाएं बेहतर हैं. हालांकि, कोर्ट ने नीरव की इन दलीलों को खारिज कर दिया था. माना जा रहा है कि नीरव को जल्द ही भारत लाया जा सकेगा. हालांकि, कोर्ट में याचिका दायर करने के बाद नीरव को थोड़ा समय और मिल गया है.
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