डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी भारत को सौंपा जा सकता है। आज सुबह 9 बजे डोमिनिका कोर्ट इस मामले पर सुनवाई करेगी। मेहुल चोकसी जमानत अर्जी पहले ही खारिज की जा चुकी है। इससे पहले सुनवाई के दौरान डोमिनिका की सरकार ने कोर्ट से कहा कि मेहुल की याचिका सुनवाई के लायक नहीं है। मेहुल को भारत को सौंप दिया जाए। अब सबकी नजर डोमिनिका कोर्ट के फैसले पर जमी हुई हैं।
बधुवार को पंजाब नेशनल बैंक में 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में फरार भगोड़े व्यवसायी मेहुल चोकसी की हेबियस कॉर्पस प्ली पर डोमिनिका की कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने गुरुवार तक के लिए अपना फैसला टाल दिया है। बता दें कि बीते दिनों मेहुल चोकसी एंटीगुआ से डोमिनिका पहुंचा था जहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। मेहुल चोकसी की कानूनी टीम ने पिछले हफ्ते डोमिनिका में हिरासत में लिए जाने के बाद हेबियस कॉर्पस प्ली दायर की थी।
चोकसी पर एंटीगुआ और बारबुडा से अवैध रूप से डोमिनिका में प्रवेश करने का आरोप है। चोकसी के वकीलों ने आरोप लगाया है कि उनके क्लाइंट का अपहरण किया गया और जबरन डोमिनिका ले जाया गया। वकीलों का यह भी आरोप लगाया है कि चोकसी के साथ मारपीट की गई। चोकसी के शरीर पर चोच के निशानों की कुछ तस्वीरें भी सामने आई थी।
मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी के बाद भारत की जांच एजेंसियां भी डोमिनिका पहुंच गई। एजेंसियों की कोशिश है कि मेहुल चोकसी को सीधे डोमिनिका से भारत ही लाया जाए। भारत की एजेंसियां और अधिकारी डोमिनिका प्रशासन के संपर्क में है। अगर इंटरपोल के नोटिस के आधार पर बात करें तो मेहुल चोकसी की भारत वापसी की संभावना काफी ज्यादा है। क्योंकि मौजूदा वक्त में मेहुल चोकसी एंटीगुआ का नागरिक है, लेकिन उसने कभी अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ी ही नहीं। ऐसे में वह भारत का नागरिक भी सिद्ध होगा।
क्या है पंजाब नेशनल बैंक घोटाला
साल 2018 में पंजाब नेशनल बैंक में हुए एक घोटाले का पता चला। हीरा करोबारी मेहुल चोकसी और उसके भांजे नीरव मोदी ने पंजाब नेशनल बैंक को 13,500 करोड़ रुपये का चूना लगा दिया। आरोप है कि दोनों ने बैंक के अधिकारी को रिश्वत खिलाकर लेटर ऑफ अंडरटेकिंग की मदद से लगातार पैसा लिया और बाद में उसे चुकाया नहीं। बैंक के अधिकारी ने इनका कोई लेखा-जोखा नहीं रखा, ऐसे में पीएनबी की रकम कहां जाती रही किसी को पता नहीं चला। लेकिन साल 2018 में जब रकम 13,500 करोड़ तक पहुंची तब इसका खुलासा हुआ। हालांकि, भारत में बवाल होने से पहले ही मेहुल चोकसी भारत छोड़ चुका था। साल 2017 के अंत में मेहुल चोकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता ले ली थी और वहां पर ही बस रहा था।
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