डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोनावायरस संक्रमण के बीच वैक्सीनेशन के काम को लेकर जानकारी देते हुए नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि हम एक दिन में करोड़ डोज देंगे। ये कुछ सप्ताह में संभव हो सकेगा। हमें इसकी तैयारी करनी होगी। हमने पहले भी एक दिन में 43 लाख वैक्सीन की डोज संभव किए। हमें इसे अगले 3 सप्ताह में 73 लाख तक लाना होगा। हमें इसे हासिल करने के लिए एक सिस्टम बनाना चाहिए।
We’ll have to prepare to give 1 cr doses in a day. It’ll be possible in few weeks, we’ll have to prepare. We made possible 43 lakh doses in a day. We should bring it up to 73 lakh in next 3 weeks. We should make a system to achieve it: Dr VK Paul, Member-Health, Niti Aayog,to ANI pic.twitter.com/YbOwBZ6Wm5
— ANI (@ANI) May 27, 2021
हम कंपनी के संपर्क में हैं। वैक्सीन को लेकर लगातार फैसले लिए जा रहे हैं। इस प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है। उनकी चिंताओं का समाधान किया जा रहा है। उन्हें औपचारिक रूप से आवेदन करना होगा। हम जल्द ही कोई समाधान निकालेंगे।
#WATCH | We are in contact with the company, decisions are being made. This process has been escalated… Their concerns are being addressed. They have to formally apply. We will come to a solution soon: Dr VK Paul Member-Health, Niti Aayog to ANI on Pfizer vaccines pic.twitter.com/SyGgkGaysj
— ANI (@ANI) May 27, 2021
बच्चों के टीकाकरण पर डॉ वीके पॉल ने कहा कि कोवैक्सिन को अनुमति मिल गई है, वे बच्चों पर क्लिनिकल ट्रायल शुरू करेंगे, मुझे लगता है कि वे व्यवस्थित तरीके से 2 साल की उम्र तक जा रहे हैं। मुझे बताया गया है कि सीरम इंस्टीट्यूट नोवावैक्स का बच्चों पर क्लिनिकल ट्रायल शुरू करना चाहता है।
This has always been on our radar. Covaxin has received permission, they will start pediatric trial, I think they are going all the way to 2 years of age in a systematic way…I have been told that SII wants to begin pediatric trial of Novavax: Dr VK Paul, Niti Aayog to ANI pic.twitter.com/B6HeODpg7h
— ANI (@ANI) May 27, 2021
1-2 देश अब ऐसा करना शुरू कर दिए हैं। डब्ल्यूएचओ ने अभी तक बच्चों की आबादी को सामान्य रूप से वैक्सीन से कवर करने के लिए कोई सिफारिश नहीं की है क्योंकि बड़ी संख्या में बच्चों में कोई भी बीमारी बहुत हल्की होती है। यदि हम इसे लेकर मौतों के आंकड़ों को लेकर सार्वजनिक स्वास्थ्य पर जाते हैं तो यह कम प्राथमिकता पर है।
उन्होंने कहा कि यह कहना कि वैक्सीन की आपूर्ति बंद हो गई है, यह कहना सही नहीं है। सच्चाई यह है कि वैक्सीन का उपलब्ध उत्पादन में से राज्य सरकार सहित गैर सरकारी चैनलों को एक अलग हिस्सा उपलब्ध है, जिसका उपयोग राज्य सरकार द्वारा लचीले दृष्टिकोण के अनुसार लोगों को टीकाकरण के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा शेष 50 फीसद के लिए एक विशेष चैनल बनाया गया, जहां राज्य सरकारें और निजी क्षेत्र टीके खरीद और आपूर्ति कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र से जो भी राज्य खरीदता है, राज्य सरकारों को यह तय करना होता है कि इसे किस समूह को दिया जाना है और आगे ले जाना है। राज्य हमारी वैक्सीन उत्पादन क्षमता को जानते हैं। जब राज्यों ने कहा कि वे लचीलापन चाहते हैं और टीके की खरीद में भागीदारी की बात कही तो एक नई प्रणाली लाई गई, जिसमें केंद्र सरकार घरेलू स्तर पर उत्पादित 50 फीसद टीकों की खरीद करेगा, वहीं राज्यों के लिए 45 वर्ष से ज्यादा समूह के लिए मुफ्त है।
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