पिछले तीन वित्त वर्षों में केले के एक्सपोर्ट में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है. इसके साथ ही इनकी संख्या में भारी बदलाव देखने को मिला है. आंकड़ों के मुताबिक फलों का आयात करने वाले देश ताजा फलों की सूची में केले को सबसे अधिक प्राथमिकता दे रहे हैं. वे फलों की टोकरी में अंगूर, आम ये सेब से अधिक केला लेना पसंद कर रहे हैं. वहीं, एक्सपोर्ट किए गए ताजा केले की मात्रा और कमोडीटी की कीमत में पिछले तीन वित्त वर्षों में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है.
आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 और 2019-20 के बीच, ताजा केले के एक्सपोर्ट में क्वांटिटी के संदर्भ में 93.94 फीसदी, जबकि मूल्य के संदर्भ में 72.22 फीसदी बढ़ोतरी देखने को मिली है. वहीं, वित्त वर्ष 2019-20 में 1.95 लाख फ्रेश केले का एक्सपोर्ट किया गया, जिसकी कीमत लगभग 93 मिलियन डॉलर है. वित्त वर्ष 2017-18 में 1.02 लाख टन फ्रेश केले का एक्सपोर्ट किया गया था, जिसकी कीमत लगभग 54 मिलियन डॉलर थी. साल 2020 में कोरोना वायरस महामारी ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया. इसके बावजूद, देश ने चालू वित्त वर्ष के पहले 9 महीने में 1.43 लाख टन फ्रेश केले का एक्सपोर्ट किया है, जिसकी कीमत करीब 63 मिलियन डॉलर है.
अनार और सेब भी एक्सपोर्ट लिस्ट में शामिल
फलों को इम्पोर्ट करने वाले देशों की दूसरी पसंद अनार है. आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2017-18 और 2019-20 के बीच कीमत के संदर्भ में 15.11 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. वित्त वर्ष 2017-18 में 52,392 टन फ्रेश अनार एक्सपोर्ट किए गए हैं, जिसकी कीमत लगभग 86 मिलियन डॉलर है. वहीं, वित्त वर्ष 2019-20 में 85,430 टन फ्रेश अनार एक्सपोर्ट किए गए हैं, जिसकी कीमत कुल 99 मिलियन डॉलर है. वित्त वर्ष 2020-21 के पहले 9 महीने में विदेशों में पिछले तीन वित्त वर्षों के मुकाबले सबसे ज्यादा ताजा सेब एक्सपोर्ट किए गए. आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2019-20 में अप्रैल से दिसंबर के दौरान 30,390 टन सेब का एक्सपोर्ट किया गया, जिसकी कीमत लगभग 14 मिलियन डॉलर रही, जबकि वित्त वर्ष 2017-18 में 14,781 टन (7 मिलियन डॉलर) और 2018-19 में 21,888 टन (11 मिलियन डॉलर) रही.
ये भी पढ़ें
Gold Price: अगले कुछ महीनों में 50 हजार पार हो सकता है सोना, जानिए क्या है वजह
जो देश अनुकूल शर्तों के साथ सस्ता कच्चा तेल देगा, हम उससे खरीदेंगे: धर्मेंद्र प्रधान
Source link