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नई दिल्ली: सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की पुण्यतिथि पर उनको श्रंद्धाजलि देते हुए निर्देशक सनोज मिश्रा ने अपनी फिल्म ‘शशांक’ (Shashank) का पोस्टर लॉन्च किया. सनोज मिश्रा ने इस फ़िल्म का निर्माण जब शुरू किया तो बॉलीवुड के गलियारों में इस बात की चर्चा होने लगी कि यह फिल्म सुशांत सिंह राजपूत की बायोपिक है. सनोज मिश्रा ने साफ किया है कि ये फिल्म सुशांत कि बायोपिक नहीं है.
सुशांत की लाइफ से प्रेरित है फिल्म
इस मामले में सनोज मिश्रा कहते हैं, ‘यह सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की बॉयोपिक नही है, लेकिन उनसे प्रेरित जरूर है. आज बॉलीवुड में किस तरह से राजनीतिक उत्पीड़न का शिकार होकर लोग आत्महत्या या हत्या जैसा कदम उठाते हैं. इसी पर यह फिल्म आधारित है, जिसमें आर्य बब्बर, राजवीर सिंह, रवि सुधा चौधरी, अपर्णा मालिक, मुस्कान वर्मा, संजू सोलंकी की प्रमुख भूमिका है.
सुशांत की बायोपिक नहीं है फिल्म
सनोज मिश्रा ने बताया कि ‘‘शशांक’ (Shashank) बनाने के लिए मेरे पास सही विषय था, क्योंकि मैंने अपनी जिंदगी के 26 साल बचपन से लेकर अभी तक का समय बॉलीवुड में बिताया है. उसके हर एक पहलू की एक अलग कहानी है. एक अलग हकीकत है. सुशांत सिंह राजपूत ने मुझे यह बल दिया कि मैं इस पर फिल्म बनाऊं और मैंने पटना से ही इस विषय पर फिल्म बनाने की घोषणा कर दी. मैंने पूरी तरह से स्पष्ट किया था कि यह फिल्म सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की बायोपिक फिल्म नहीं होगी क्यों उसकी वजह यह थी कि मैं जिस वक्त इनके परिवारजनों और पिता केके सिंह जी से मिला था उस वक्त उनकी मनोदशा बहुत ही विषम थी. बहुत ही प्रॉब्लम में थे, बाकी लोग और मैं भी सिर्फ उन्हें दिलासा ही दे पाए. मुझे लगा कि उस वक्त फिल्म या आत्मकथा के बारे में बात करना उस माहौल में उचित नहीं था. इसलिए मैंने तय किया कि मैं इस फिल्म को बायोपिक नहीं बनाऊंगा.’
कई मुश्किलों के बाद बनी फिल्म
सनोज मिश्रा आगे कहते हैं, ‘फिल्म का बजट ओवर हो रहा था, लेकिन फिर भी हमारे निर्माता हमारा साथ देते रहे. फिल्म आगे बनती गई और जब यह फिल्म चर्चा में आई तो सुशांत (Sushant Singh Rajput) की बहन श्वेता सिंह कीर्ति ने ट्विटर पर हमारी फिल्म का बहिष्कार किया उनके बहिष्कार ने पूरे देश में फिल्म शशांक के लिए नकारात्मक माहौल बना दिया, मानो मैंने ही सुशांत की हत्या की हो. पूरे देश में सुशांत को लेकर संवेदनाएं थीं. लोगों ने बिना जाने समझे जी भर कर गालियां और धमकियां दीं. मैं खामोशी से सब देखता रहा. फिल्म के बहिष्कार से फिल्म में निवेश कर रहे लोग दूर हट गए क्योंकि उनको लगा कि फिल्म विवादों में आकर बंद हो जाएगी और पैसा डूब जायेगा और फिल्म शशांक आधी से अधिक बनकर रुक गई.’
कोर्ट ने खारिज की याचिका
सनोज मिश्रा ने बताया, ‘परिस्थितियां बनी और कुछ नए लोग साथ जुड़े. कई महीने के बाद फिल्म फिर से शुरू हो पाई. इससे पहले कि फिल्म को रिलीज के लिए तैयार किया जाता, एक और बड़ी मुसीबत का सामना पिछले महीने तब हो गया जब खुद सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के पिता के के सिंह ने फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में केस दर्ज करा दिया. उन्होंने बिना जाने समझे केस के साथ ही 2 करोड़ के हर्जाने की भी गुहार लगा दी. माननीय न्यायालय में हमने भी अपना पक्ष रखा और तमाम दलीलों के बीच न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था. अब न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए के के सिंह जी की याचिका को खारिज कर दिया है. सत्य की जीत हुई और आगे भी हो.’
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