नवरात्र में आठवें दिन मां महागौरी की उपासना का विधान है। मां महागौरी की शक्ति अमोघ है। मां की उपासना से भक्तों के पूर्व संचित पाप भी नष्ट हो जाते हैं। मां की उपासना से हर असंभव कार्य संभव हो जाता है। मां के सभी वस्त्र और आभूषण सफेद हैं। मां को श्वेताम्बरधरा कहा गया है। मां का वाहन वृषभ है। अत: मां को वृषारूढ़ा भी कहा गया है।
मां बेहद शांत मुद्रा में हैं। मां का रंग अत्यंत औजपूर्ण है। इसलिए मां को महागौरी नाम से जाना जाता है। नवरात्र में अष्टमी के दिन महिलाएं अपने सुहाग की रक्षा के लिए देवी मां को चुनरी भेंट करती हैं। मां महागौरी का ध्यान, स्मरण, पूजन-आराधना भक्तों के लिए शुभ कल्याणकारी है। मां की कृपा से समस्त सिद्धियों की प्राप्ति होती है। मां की उपासना से मन और शरीर हर तरह से शुद्ध हो जाता है। मां अपने भक्तों को सदमार्ग की ओर ले जाती हैं। मां की पूजा से अनैतिक विचार नष्ट हो जाते हैं। मां की उपासना से मन की पवित्रता बढ़ती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। मन एकाग्र होता है। मां सदा सुख और शांति प्रदान करती हैं। मां अन्नपूर्णा स्वरूप हैं। अष्टमी के दिन कन्याओं का पूजन करने से मां महागौरी की कृपा प्राप्त होती है। मां धन-वैभव और सुख-शांति की अधिष्ठात्री देवी हैं। मां की उपासना से जीवन सदा सुखमय रहता है। मां की पूजा से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं।
इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।
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