डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय को दिल्ली बुला लिया है। उन्हें 31 मई की सुबह 10 बजे से पहले रिपोर्ट करना है। केंद्र सरकार ने बंगाल सरकार से उन्हें जल्द से जल्द रिलीव करने का अनुरोध किया है। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चक्रवात यास से हुए नुकसान की समीक्षा बैठक के कुछ घंटों बाद आया, जिसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल नहीं हुई थी।
केंद्र सरकार की ओर से दिए गए आदेश में कहा गया है कि कैबिनेट की अपॉइंटमेंट कमेटी ने तत्काल प्रभाव से अलपन बंद्योपाध्याय (IAS, WB:1987) की भारत सरकार के साथ सेवाओं की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। ये नियुक्ति इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (केडर) रूल्स, 1954 के प्रोविजन रूल 6(1) के तहत की गई है। ऐसे में बंदोपाध्याय को तुरंत कार्यमुक्त करने के लिए कहा गया है। पत्र के मुताबिक, उन्हें 31 मई तक दिल्ली में विभाग को रिपोर्ट करना होगा।
बता दें कि बतौर मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय का कार्यकाल खत्म हो गया था, लेकिन चार दिन पहले ही ममता सरकार ने तीन महीने के लिए उनका कार्यकाल बढ़ा दिया था। अलपन बंदोपाध्याय 1987 बैच के आईएएस अफसर हैं। वो हावड़ा समेत कई जिलों के डीएम भी रह चुके हैं। उन्हें पिछले साल सितंबर में राजीव सिन्हा के रिटायर्ड होने के बाद पश्चिम बंगाल का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था। उन्हें ममता बनर्जी का करीबी अफसर माना जाता है।
केंद्र ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब शुक्रवार को पीएम मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बैठक को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। दरअसल, यास साइक्लोन से प्रभावित इलाकों का एरियल सर्वे करने पश्चिम बंगाल पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को रिव्यू मीटिंग में हिस्सा लिया था। लेकिन इस मीटिंग में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल नहीं हुई। ममता बनर्जी चक्रवात प्रभावित इलाकों के सर्वेक्षण के लिए निकल गईं। इस दौरान मुख्य सचिव अल्पन बंदोपाध्याय भी मौजूद थे।
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