नई दिल्ली: मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने गुरुवार को कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए अन्य देशों को टीके उपलब्ध कराने के भारत के कदमों की जमकर प्रशंसा की. साथ ही कहा कि, यह इसका एक शानदार उदाहरण है कि बहुपक्षवाद और “वैश्विक गांव” के विचार को किस तरह से क्रियान्वित करना चाहिए.
नई दिल्ली में डिजिटल तरीके से आयोजित रायसीना संवाद में ‘बियॉन्ड कोविड: ग्लोबल पब्लिक हेल्थ आफ्टर द पैंडेमिक’ नामक परिचर्चा के एक सत्र में बोलते हुए, शाहिद ने कहा कि महामारी से सीखा पहला और सबसे महत्वपूर्ण सबक बहुपक्षवाद का महत्व है और यह कि ‘‘हम एक वैश्विक गांव हैं और अलग-अलग नहीं रह सकते’’.
अंतरराष्ट्रीय समुदाय का एक साथ आना सराहनीय रहा- शाहिद
उन्होंने कहा, “हमें इन वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए अपने प्रयासों को एकजुट करने की जरूरत है. शुरू में महामारी का सामना करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय का एक साथ आना सराहनीय रहा.” हालांकि, शाहिद ने कहा कि जैसे ही महामारी बढ़ी और टीकाकरण शुरू हो गया. चुनौती से निपटने में एकता में हल्की फूट भी देखी गयी.
भारत ने उदाहरण बनकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उम्मीद दी है- शाहिद
अन्य देशों को टीके उपलब्ध कराने के लिए भारत की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने बहुपक्षवाद और एक वैश्विक गांव को कैसे काम करना चाहिए, इसका एक उदाहरण बनकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उम्मीद दी है. दो दिवसीय भारत यात्रा पर आए शाहिद ने कहा, “जिस तरह से भारत ने न केवल भारत में, बल्कि पूरे विश्व में अपने टीकाकरण कार्यक्रम को चलाया है, भारत ने अपने हाथ और दिल खोल दिए हैं, यह सराहनीय और अनुकरणीय है.”
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