दुनियाभर मे कोरोना वायरस के नए- नए वेरिएंट आने के बीच मास्क पहनना बचाव के सबसे महत्वपूर्ण उपायों में एक है. हालांकि, मास्क पहनने और वैक्सीन को लेकर विश्व स्वास्थ संगठन और अमरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के बीच मतभदे भी सामने आए हैं. विश्व स्वास्थ संगठन ने जहां सभी के लिए मास्क पहनना जरूरी बताया है, वहीं सीडीसी का मानना है कि वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले लोगों के लिए मास्क पहनना जरूरी नहीं है.
इस मुद्दे को लेकर विशेषज्ञों ने मिलीजुली राय व्यक्त की है. लेकिन मास्क पहनने की बात को लेकर सहमत हैं. विश्व प्रसिद्ध वायरल ट्रांसमिशन एक्सपर्ट प्रो. लिन्से मार का कहना है कि यह महामारी की स्थिति पर निर्भर करता है. आप जहां रह रहे हैं या फिर जहां जा रहे हैं, वहां संक्रमण की स्थति कैसी है, आप क्या काम करेंगे आदि मुद्दों के आधार पर तय होता है कि मास्क पहनना जरूरी है या नहीं. लेकिन प्रो. मार मानते हैं कि जिंदगी को किसी तरह से खतरे में डालने की बजाए मास्क पहनना बेहतर है.
मास्क से सभी का बचाव
मास्क पहनने से उन लोगों का ज्यादा बचाव होता है जिन्होनें अभी वैक्सीन की डोज नहीं ली है. कई लोगों में संक्रमित होने के बाद भी लक्षण नहीं होते ऐसे में सभी के लिए मास्क पहनना बेहतर होता है. प्रो. मार का कहना है कि संक्रमण के मामले ज्यादा हैं और वैक्सीनेशन की रफ्तार कम है. डेल्टा वेरिएंट भी भी हावी हो रहा है, ऐसे में सभी को मास्क पहनना चाहिए.
भारत में फिलहाल मास्क पहनना जरूरी
वहीं, भारत में फिलहाल मास्क पहनने की आवश्यकता है. बीएचयू के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. विजयनाथ के मुताबिक, महामारी की दूसरे लहर समाप्त नहीं हुई है और डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामले भी सामने आए हैं. देश में टीकाकरण भी कम हुआ है. ऐसे में बचाव के लिए मास्क पहनना बहुत जरूरी है.
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