नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक स्टेटमेंट में कहा था कि मास्टरकार्ड पर प्रतिबंध 22 जून से प्रभावी होगा. इस कार्ड के प्रतिबंध के पीछे का कारण लोकल डेटा स्टोरेज दिशानिर्देशों का पालन न करना बताया गया था. इसका बड़ा प्रभाव कम से कम पांच प्राइवेट बैंकों के साथ-साथ नॉन बैंक लैंडर्स और कार्ड जारी करने वाली कंपनी को भी महसूस होने वाला है.
नोमुरा रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, इस बदलाव से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले बैंक आरबीएल बैंक, यस बैंक और बजाज फिनसर्व हैं. सभी क्रेडिट-कार्ड स्कीम्स जो ये ग्राहकों को देते हैं, वे मास्टरकार्ड के अंडर आती हैं.रिपोर्ट के अनुसार इनके अलावा इंडसइंड बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक सबसे अधिक प्रभावित होंगे क्योंकि उनकी क्रेडिट कार्ड स्कीम्स का लगभग 35 से 40 प्रतिशत हिस्सा मास्टरकार्ड से जुड़ा है.
एसबीआई पर कम प्रभाव पड़ेगा
इस कैटगरी का अपवाद एचडीएफसी बैंक है. भले ही इसके पास मास्टरकार्ड के तहत अपनी क्रेडिट कार्ड स्कीम्स का लगभग 45 प्रतिशत हिस्सा है, लेकिन यह उतना प्रभाव महसूस नहीं करेगा, क्योंकि यह पहले से ही एक बैंक के रूप में नए कार्ड जारी करने से प्रतिबंधित है. एक दूसरा प्रमुख बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को भी इस से निपटना होगा. हालांकि रिपोर्ट के मुताबिक, बैंक की केवल 10 फीसदी स्कीम्स ही मास्टरकार्ड के दायरे में आती हैं.
आपके डेबिट और क्रेडिट कार्ड पर प्रभाव
यह बदलाव किसी भी तरह से मास्टरकार्ड के मौजूदा कार्डधारकों को प्रभावित नहीं करेगा. जो ग्राहक डेबिट या क्रेडिट के रूप में मास्टरकार्ड का उपयोग कर रहे हैं, उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है. आरबीआई ने स्पष्ट कर दिया है कि इस बदलाव से मौजूदा कार्डधारकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा और यह केवल आने वाले समय के लिए बैंकों और ग्राहकों पर लागू होगा. आपके द्वारा उपयोग की जा रही सभी सेवाओं को मास्टरकार्ड पर जारी रखा जा सकता है.
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