शोधकर्ताओं का दावा है कि मीठा ड्रिंक्स पीने वाले युवाओं को आंत के कैंसर का जोखिम ज्यादा होता है. रिसर्च से पता चला है कि जो महिलाएं रोजाना दो या उससे ज्यादा ड्रिंक्स पीने की आदी थीं, उनमें आंत के कैंसर का खतरा अन्य के मुकाबले दोगुना हो गया. वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसीन की रिसर्च में 1991 से 2015 तक एक लाख 16 हजार 500 महिला नर्स को शामिल किया गया था.
मीठा ड्रिंक्स बढ़ाता है आंत के कैंसर को जोखिम
नतीजे से पता चला कि रोजाना हर 8 औंस मीठे ड्रिंक के पीने से कैंसर के खतरे में 6 फीसद का इजाफा हो जाता है. 13 से 18 साल की उम्र में हर बार मीठे ड्रिंक का इस्तेमाल 50 साल की उम्र से पहले आंत के कैंसर का जोखिम 32 फीसद तक बढ़ा देता है. रिसर्च के नतीजों को ‘गट’ नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया है और कहा गया है कि मीठे सेवन को कम करने के लिए लोगों का हौसला बढ़ानेवाले प्रयास किए जाने चाहिए. शोधकर्ताओं ने कहा, "युवाओं में आंत का कैंसर तुलनात्मक रूप से दुर्लभ होता है, लेकिन सच्चाई ये है कि मामलों की दर में पिछले तीन दशकों से बढ़ोतरी हो रही है और समझ नहीं आ रहा है कि क्यों ये जन स्वास्थ्य की प्रमुख चिंता है और कैंसर की रोकथाम में प्राथमिकता."
पिछले तीन दशकों से मामलों की दर में बढ़ोतरी
अमेरिकन कैंसर सोसायटी ने कई लाइफस्टाइल फैक्टर की पहचान की है. अल्कोहल का इस्तेमाल, मोटापा, सक्रिय नहीं होना, स्मोकिंग और यहां तक कि खास किस्म की डाइट समेत आंत के कैंसर के जोखिम कारक समझे जाते हैं. लेकिन, दूसरे कई अन्य फैक्टर जैसे बूढ़ा होना, आंत के कैंसर का इतिहास, पेट के अंदरूनी हिस्सों में आई सूजन को नियंत्रित नहीं किया जा सकता. टाइप 2 डायबिटीज का संबंध भी आंत के कैंसर का जोखिम बढ़ानेवाला पाया गया है. शोधकर्ताओं ने एक लाख 16 हजार 500 प्रतिभागियों के बीच शुरुआती आंत के कैंसर का 109 मामला पाया गया. उन्होंने बताया कि मामलों की कम संख्या होने के बाद ‘अभी भी मजबूत संकेत’ है बताने के लिए कि मीठा सेवन, खासकर जिंदगी की शुरुआत में कैंसर के ज्यादा दर में भूमिका अदा कर रहा है.
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