Adani Mumbai International Airport: अडाणी समूह ने मुंबई इंटरेनशनल एयरपोर्ट की कमान जीवीके ग्रुप से अब अपने हाथों में ले ली है. इसकी घोषणा खुद अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी ने मंगलवार को की. अडाणी समूह ने पिछले साल अगस्त में घोषणा की थी कि वह मुंबई हवाईअड्डे में जीवीके समूह की हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगा.
इस सौदे के बाद मुंबई के छत्रपित शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे में अडाणी समूह की 74 प्रतिशत हिस्सेदारी रहेगी. इसमें से 50.5 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण जीवीके समूह से और शेष 23.5 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण अल्पांश भागीदारों एयरपोर्ट्स कंपनी साउथ अफ्रीका (एसीएसए) और बिडवेस्ट ग्रुप से किया जाएगा.
एमआईएएल बोर्ड की बैठक के बाद अडाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड (एएएचएल) ने जीवीके ग्रुप से मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट की कमान ले ली. गौतम अडाणी ने कहा- “हमें विश्वस्तरीय मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट का प्रबंधन संभालते हुए खुशी हो रही है. विश्वस्तरीय मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे का प्रबंधन लेकर हम काफी खुश हैं. मुंबई को हम पर गर्व होगा. अडानी समूह बिजनेस, लग्जरी और मनोरंजन के लिए भविष्य का एक एयरपोर्ट इको सिस्टम तैयार करेगा.”
कंपनी ने कहा- “साल 2024 तक भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार बनने के साथ, अडानी समूह के छह हवाई अड्डों के मौजूदा पोर्टफोलियो के अलावा मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और उसके बाद ग्रीनफील्ड नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एनएमआईएएल) का संचालन एक परिवर्तनकारी विमानन मंच प्रदान करता है. जिससे अदानी समूह को अपने बी2बी और बी2सी कारोबार को आपस में जोड़ने के साथ-साथ समूह के अन्य बी2बी व्यवसायों के लिए कई रणनीतिक निकटताएं बनाने की सहुलियत देता है.”
अडाणी ने कहा- “हमारा बड़ा उद्देश्य हवाई अड्डों को पारिस्थितिक तंत्र के रूप में पुनर्निर्मित करना है जो स्थानीय आर्थिक विकास को संचालित करता है और नाभिक के रूप में कार्य करता है, जिसके चारों ओर हम विमानन से जुड़े व्यवसायों को उत्प्रेरित कर सकते हैं. इनमें महानगरीय विकास शामिल हैं जो मनोरंजन सुविधाओं, ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक्स क्षमताओं, विमानन पर निर्भर उद्योग, स्मार्ट शहर के विकास और अन्य नवीन व्यावसायिक अवधारणाओं तक फैले हुए हैं.”
गौरतलब है कि हाल में अडाणी ग्रुप के लखनऊ लखनऊ, जयपुर, गुवाहाटी, अहमदाबाद, तिरुवनंदपुरम, और मंगलुरू एयरपोर्ट्स को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के जरिए चलाने की इजाजत मिली है. अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड भारत की बड़ी एयरपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी है, जिसके नियंत्रण वाले हवाईअड्डे पर आने वालों की संख्या का 25 प्रतिशत है और भारत के हवाई माल ढुलाई के 33 प्रतिशत को नियंत्रित करती है.
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