मुंह में ये लक्षण बनाते हैं हाई ब्लड ब्लड शुगर के रोगी

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टाइप 2 डायबिटीज एक पुराना रोग है. उससे हर साल दुनिया भर में लाखों लोग प्रभावित होते हैं. डायबिटीज के कुछ संकेत स्पष्ट होते हैं, और ज्यादातर लोगों को उसके बारे में जानकारी होती है, जबकि कुछ लोगों में लक्षण दिखाई नहीं देते. डायबिटीज की शुरुआत अत्यधिक भूख, लगातार पेशाब आना, थकान और चिड़चिड़ापन से जुड़ी होती है. इन प्रमुख संकेतों के अलावा, मुंह में चेतावनी के कुछ संकेत भी पाए जाते हैं. मुंह का स्वास्थ्य ब्लड शुगर लेवल समेत संपूर्ण स्वास्थ्य के बारे में बहुत कुछ खुलासा करता है. 

सूखा मुंह- टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज का शुरुआती और सबसे आम लक्षणों में से एक सूखा मुंह है. ऐसी स्थिति में हर समय प्यास का एहसास होता है. किसी को एक ही बार में पानी गटकने की जरूरत महसूस हो सकती है. हालांकि, ब्लड शुगर लेवल में वृद्धि डायबिटीज के रोगी को क्यों प्यासा महसूस कराती है, इसकी वजह अभी भी साफ नहीं है. लेकिन, कुछ थ्योरी के मुताबिक, ये डायबिटीज की रोकथाम की कुछ दवाइयों के कारण हो सकता है. सूखे मुंह के लक्षणों में खुरदरी या सूखी जीभ, मुंह में नमी की कमी, फटे होंठ, मुंह में छाले, निगलने या चबाने में कठिनाई शामिल होते हैं. 

मसूढ़े का रोग- सूखा मुंह दांतों के आसपास और मसूढ़ों के नीचे लार को भी प्रभावित करता है. नतीजे के तौर पर, शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे कीटाणुओं और दांतों के मैल बनते हैं. ये आपके मसूड़ों को परेशान करता है और मसूढ़े की बीमारी, दांत की सड़न और दांत के नुकसान का कारण बनता है. मसूढ़े की बीमारी बेकाबू डायबिटीज में ज्यादा आम है. मसूढ़े की बीमारी का होना ब्लड शुगर लेवल के खराब होने का एक संकेत है. मसूढे़ की बीमारियों में लाल, सूजा हुआ, तकलीफ, मसूढ़े से खून बहना, ढीले दांत, सांस की बदबू या मुंह का खराब स्वाद शामिल है. 

दांत खराब होना- मसूढ़े की बीमारी के कारण डायबिटीज से पीड़ित रोगियों में दांत खराब हो सकते हैं. मसूढ़े के आसपास दांत की मैल दांतों के चारों ओर पकड़ ढीली करता है, जो दांत को खराब कर सकता है. बुढ़ापे और मुंह की सेहत के देखभाल नहीं करनेवालों में जोखिम और भी ज्यादा हो जाता है. दांत की खराबी के आम लक्षणों में सूजन, मसूढ़े में दर्द, दांत का दर्द शामिल है. 

बचने के उपाय
मुंह की सेहत से जुड़ी पेचीदिगयों को रोकने के लिए डायबिटीज के मरीज को अपना ब्लड शुगर लेवल जरूर काबू में रखना चाहिए. उसके अलावा, डेंटिस्ट से सलाह लेना भी जरूरी हो जाता है. डायबिटीज के अधिकतर मामलों में लोगों का ध्यान पांव और आंख की देखभाल पर होता है जबकि दांत की देखभाल को अक्सर किनारे कर दिया जाता है, जो मुंह की समस्याओं को बढ़ाता है.

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