डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोनावायरस महामारी की दूसरी लहर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इमेज को नुकसान हुआ है। केन्द्र सरकार से लेकर भाजपा शासित राज्य सरकारों को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। अब पीएम मोदी की खराब हुई इमेज का सुधारने के लिए भाजपा संघ की राह पर चलेगी। इसी के तहत भाजपा ने ‘सेवा ही संगठन नाम का प्रोग्राम’ लॉन्च किया है। वहीं, अब राज्यों के चुनाव में पीएम मोदी के चेहरे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
क्या है ‘सेवा ही संगठन प्रोग्राम’
इस अभियान को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने देशभर के कार्यकर्ताओं को इस बारे में निर्देश दिया है कि सभी वैक्सीनेशन अभियान में हिस्सा लें। लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित करें है। ऐसे अभिभावकों के वैक्सीनेशन पर जोर दें, जिनके घरों में 12 साल से कम आयु के बच्चे हैं। कोरोनावायरस को लेकर गांव-गांव तक लोगों में जागरुकता लाने का काम किया जाए। जेपी नड्डा ने राहत कार्यक्रम में लोगों को त्योहारों के समय कोविड के अनुरूप व्यवहार करने के लिए प्रेरित करना, सैनिटाइजर, मास्क आदि का वितरण करना और रक्त दान शिविर लगाने के लिए कहा गया है। सेवा ही संगठन अभियान के इस दूसरे चरण में टीकाकरण अभियान, राहत कार्यक्रम और पड़ोस-ग्राम स्वास्थ्य स्वयंसेवक का प्रशिक्षण शामिल है। इसके अलावा अस्पतालों में राशन किट और भोजन वितरण की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
क्षेत्रीय चुनावों में मोदी का चेहरा नहीं
सूत्रों के मुताबिक संघ का मानना है कि बिहार, पश्चिम बंगाल और दिल्ली चुनाव में पीएम मोदी को स्टार फेस बनाने की रणनीति फेल साबित हुई। इससे चुनावों में कोई फायदा नहीं हुआ। इसलिए गुजरात, पंजाब और उत्तर प्रदेश में साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों में मोदी के चेहरे पर फोकस नहीं किया जाएगा। पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने ममता के खिलाफ पीएम मोदी को मैदान में उतारा था। संघ का मानना है कि पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनावों में ममता बनाम मोदी की रणनीति से नुकसान हुआ है। बीजेपी ने चुनाव तो हारा इसके अलावा विरोधियों को प्रधानमंत्री मोदी पर बार-बार हमला करने का मौका मिला। इससे उनकी इमेज जनता के बीच खराब हुई। ज्यादातर क्षेत्रीय चुनावों में पीएम मोदी के चेहरे को सामने रखा गया।
वहीं, अगर उत्तर प्रदेश चुनाव में मोदी को चेहरा बनाया जाता है तो समाजवादी पार्टी और कांग्रेस मुसलमानों को एकजुट करने में कामयाब हो सकती है। ऐसा पश्चिम बंगाल के चुनाव में भी देखने को मिला था। टीएमसी ने मोदी की इमेज मुसलमान विरोधी बनाने की रणनीति अपनाई थी। नतीजे के तौर पर मुस्लिम वोटर एकजुट हो गए और 70 प्रतिशत से ज्यादा मुसलमानों ने टीएमसी को वोट देकर चुनावी नतीजे बदल दिए।
विपक्ष ने मोदी को बनाया टारगेट
कोरोनावायरस महामारी के दौर में विपक्षी दल सिर्फ पीएम मोदी को टारगेट कर रहे हैं। कोरोना की पहली लहर के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पीएम मोदी की तैयारियां को फेल बताया था। साथ ही लॉकडाउन के फैसले को गलत ठहराया था। वहीं, दूसरी लहर में ऑक्सीजन, वैक्सीनेशन समेत तमाम स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर सभी विपक्षी दलों ने पीएम मोदी को टारगेट करते हुए सरकार को लापरवाह बताया।
जमीनी स्तर पर काम करेंगे भाजपा कार्यकर्ता
पीएम मोदी की इमेज को बचाने के लिए कोरोनाकाल में बीजेपी के कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर काम करेंगे। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने देशभर के कार्यकर्ताओं को इस बारे में पहले निर्देश दे दिए हैं। सेवा ही संगठन प्रोग्राम के जरिए कार्यकर्ता टीकाकरण अभियान, राहत कार्यक्रम, सैनिटाइजर, मास्क का वितरण, रक्त दान शिविर, राशन किट और भोजन वितरण जैसे कार्य करेंगे।
तीसरी से निपटने की तैयारी
कोरोनावायरस की तीसरी लहर को लेकर केन्द्र सरकार अभी से तैयार करने में जुटी है। स्वास्थ सेवाओं को दुरस्त किया जा रहा है। अस्पतालों में जरुरी उपकरण पहुंचाए जा रहे हैं। ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम जारी है। वैक्सीनेशन का काम तेजी से किया जा रहा है। जाहिर की दूसरी लहर ने मोदी सरकार की तैयारियां की पोल खोल दी थी। जिसके बाद सरकार बहुत किरकिरी हुई।
इन बिन्दुओं पर काम करेगी भाजपा
- गरीबों की राशन योजना दीपावली तक जारी रहेगी।
- 21 जून से वैक्सीन मुफ्त करने की योजना।
- क्षेत्रीय चुनावों में पोस्टर पर नजर नहीं आएंगे मोदी।
- क्षेत्रीय चुनावों में सामने नहीं रखा जाएगा मोदी का चेहरा।
- योगी के नेतृत्व में लड़ा जा सकता है यूपी चुनाव।
- कोरोना में घर-घर जाकर लोगों के लिए काम करेंगे बीजेपी कार्यकर्ता।
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