कोरोनावायरस महामारी के कारण केंद्र सरकार (Modi Govt) देश में हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर को बूस्टर देने के लिए 50,000 करोड़ रुपये के क्रेडिट इन्सेंटिव (Credit Incentive) देने पर विचार कर रही है। लाइव मिंट के सूत्रों के मुताबिक इस योजना के तहत सरकार कंपनियों को नए अस्पताल बनाने के साथ-साथ मेडिकल सप्लाई के लिए क्रेडिट पर फंड्स मुहैया कराएगी और सरकार इन कंपनियों की गारंटर खुद बनेगी। पहचान न बताते हुए मामले के जानकार ने कहा कि छोटे शहरों में कोविड-19 से संबंधित स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने पर ध्यान देने की संभावना है।
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हाल के महीनों में कोरोना केसेस के बढ़ने देश की खराब स्वास्थ्य की हालत सामने आ चुकी है। अब इसको ढंकने के लिए मोदी सरकार हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को बूस्ट देने का काम कर रही है। जिससे देश में अस्पतालों में मरीज बेड और ऑक्सीजन की कमी नहीं हो। सरकार की यह लोन गारंटी स्कीम, RBI के इन प्रयासों को और बल देगी जिसके तहत रिजर्व बैंक ने हेल्थकेयर सेक्टर के साथ वैक्सीन निर्माताओं को किफायती लोन देने का ऐलान किया था।
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RBI ने हेल्थ सर्विसेज और वैक्सीन मैन्युफैक्चरर्स के लिए मार्च 2022 कर के लिए 500 बिलियन के ऑन-टैप लिक्विडिटी विंडो की शुरुआत की थी। इससे पहले पिछले महीने भी सरकार ने घोषणा की थी इसमें एयरलाइनों और अस्पतालों को महामारी के प्रभाव से बचाने के लिए $41 बिलियन के आपातकालीन ऋण कार्यक्रम में शामिल किया गया था। इस योजना के तहत अस्पतालों और क्लीनिक्स को ऑन-साइट ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाने के लिए 2 करोड़ रुपये का लोन देने की प्रावधान है।
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