यादें: राम मंदिर आंदोलन के सबसे बड़े चेहरों में शुमार थे कल्याण सिंह, CM पद से भी दे दिया था इस्तीफा

यादें: राम मंदिर आंदोलन के सबसे बड़े चेहरों में शुमार थे कल्याण सिंह, CM पद से भी दे दिया था इस्तीफा- India TV Hindi

यादें: राम मंदिर आंदोलन के सबसे बड़े चेहरों में शुमार थे कल्याण सिंह, CM पद से भी दे दिया था इस्तीफा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का शनिवार शाम लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 89 वर्ष के थे। संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) द्वारा शनिवार रात जारी बयान में बताया गया कि वह लंबे समय से बीमार थे और उनके अंगों धीरे-धीरे काम करना बंद कर दिया। बयान में कहा गया कि अंगों के काम करना बंद करने के बाद शनिवार शाम उनका निधन हो गया। कल्याण सिंह को पिछली 4 जुलाई को संक्रमण और हल्की बेहोशी की वजह से SGPGI के ICU में भर्ती कराया गया था। इससे पहले उनका इलाज डॉक्टर राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट में चल रहा था। 

दो बार मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह

कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश की राजनीति के बड़े चेहरों में से थे। उन्होंने अपनी राजनीतिक जीवन के शुरुआती दौर में एक किसान नेता के तौर पर अपनी पहचान बनाई थी। वह 2 बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे और राज्य में भारतीय जनता पार्टी के पहले मुख्यमंत्री थे। उनका पहला कार्यकाल 24 जून 1991 से 6 दिसम्बर 1992 तक था और दूसरा कार्यकाल 21 सितंबर 1997 से 12 नवंबर 1999 तक रहा था। उनकी पहचान एक हिंदुत्ववादी नेता और प्रखर वक्ता के तौर पर थी।

राम मंदिर आंदोलन का बड़ा चेहरा रहे

कल्याण सिंह उन नेताओं में से एक थे जिन्हें राम मंदिर निर्माण के लिए सबसे मुखर आवाजों में से एक माना जाता था। पहली बार सीएम बनने के बाद उन्होंने अयोध्या जाकर राम मंदिर बनाने की शपथ ली थी। जब 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी ढांचा गिराया गया तब वह यूपी के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने कारसेवकों पर गोली चलाने की अनुमति नहीं दी थी। 2020 में राम मंदिर के निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आने के बाद उन्होंने इसपर खुशी जाहिर की थी। उन्होंने इच्छा जाहिर की थी कि वह अयोध्या में बनने जा रहे भगवान राम के मंदिर में दर्शन कर अपने प्राण त्यागें, हालांकि उनकी यह इच्छा अधूरी रह गई।

बाबरी ढांचा गिराए जाने के बाद इस्तीफा दिया

कल्याण सिंह ने बाबरी मस्जिद गिराए जाने की नैतिक जिम्मेदारी ली थी। इसी के चलते उन्होंने 6 दिसंबर, 1992 को ही सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके दूसरे दिन केंद्र सरकार ने यूपी की भारतीय जनता पार्टी की सरकार को बर्खास्त कर दिया था। तब उन्होंने उन्होंने कहा था कि ‘राम मंदिर के नाम पर यह सरकार बनी थी, उसका मकसद पूरा हुआ। ऐसे में राम मंदिर के नाम पर सरकार कुर्बान हुई।’

भाजपा के कद्दावर नेताओं में शुमार

कल्याण सिंह को भाजपा के कद्दावर नेताओं में शुमार किया जाता है। वह यूपी के सीएम रहने के अलावा राजस्थान के राज्यपाल भी रहे थे। उनका जन्म 5 जनवरी 1932 को अलीगढ़ के मढ़ौली गांव में हुआ था।

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