डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। युवराज सिंह को देश के लिए कई मैच जीताने वाले प्रदर्शनों के कारण भारत के महानतम क्रिकेटरों में से एक माना जाता है। युवराज के कई फैन्स उम्मीद कर रहे थे कि वो एक दिन टीम इंडिया की कमान संभालेंगे, लेकिन क्रिकेट बोर्ड ने युवराज की अनदेखी करते हुए एमएस धोनी को कप्तान बना दिया। 22 यार्न्स पॉडकास्ट में गौरव कपूर से बात करते हुए युवराज ने कहा कि धोनी को 2007 में कप्तानी दिए जाने से पहले उन्हें उम्मीद थी कि कप्तानी उन्हें मिलेगी।
युवराज सिंह ने कहा, ‘तो मूल रूप से भारत 50 ओवर का विश्व कप हार गया था? भारतीय क्रिकेट में काफी उथल-पुथल थी और फिर इंग्लैंड का दो महीने का दौरा था। बीच में साउथ अफ्रीका और आयरलैंड का भी एक महीने का टूर था। फिर टी20 विश्व कप का एक महीना था, यानी करीब चार महीने घर से बाहर रहना था।’ युवराज ने कहा, ‘इसलिए शायद सीनियर्स को लगा कि उन्हें ब्रेक की जरूरत है और जाहिर तौर पर किसी ने भी टी 20 वर्ल्ड कप को गंभीरता से नहीं लिया। मैं टी 20 विश्व कप में भारत की कप्तानी करने की उम्मीद कर रहा था और फिर यह घोषणा की गई कि एमएस धोनी कप्तान होंगे।’
धोनी को कप्तान बनाए जाने के बाद उनके साथ अपने रिश्ते को लेकर युवराज ने कहा, ‘जाहिर तौर पर जो कोई भी कप्तान बनता है, आपको उस व्यक्ति को सपोर्ट करना होता है। चाहे वह द्रविड़ हो, सौरव गांगुली हो या कोई भी कप्तान हो। दिन के अंत में आप एक टीम मैन बनना चाहते हो और मैं ऐसा ही था।’ युवराज ने इंग्लैंड के ऑलराउंडर एंड्रयू फ्लिंटॉफ के साथ हुई बहस का भी जिक्र किया। युवी ने कहा कि मुझे याद है कि मैंने फ्लिंटॉफ को दो चौके जड़े और जाहिर है कि उसे यह पसंद नहीं आए। फ्लिंटॉफ ने कहा, ‘यहां आ, मैं तेरी गर्दन तोड़ दूंगा। इस पर मैंने जवाब दिया, ‘तुम जानते हो कि मेरा बल्ला कहां वार करेगा।’ और फिर युवराज ने एक ही ओवर में 6 छक्के जड़ दिए।
बता दें कि 2007 वर्ल्ड कप युवराज सिंह ने अहम भूमिका निभाई थी। युवराज ने वर्ल्ड कप में कई अहम पारियां खेली थी। इन पारियों की बदौलत ही टीम इंडिया फाइनल में अपने जगह बनाने में कामयाब हो सकी थी। इस टूर्नामेंट में युवराज सिंह ने इंग्लैंड के खिलाफ स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में 6 छक्के जड़े थे। साथ ही 12 गेंदों में अर्धशतक लगाकर सबेस तेज अर्धशतक लाने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया था।
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