डायबिटीज, चाहे टाइप 1 हो या टाइप 2, दोनों में स्वास्थ्य की देखभाल करना जरूरी हो जाता है, विशेषकर महामारी काल में. चिह्नित बीमारी वालों को बुरी तरह से संक्रमित होने का अधिक जोखिम होता है. अपने स्वास्थ्य के मद्देनजर ऐसे लोगों के लिए जरूरी है कि लाइफस्टाइल में खास बदलाव करें. इस सिलसिले में योग से बेहतर और क्या हो सकता है? विशेषज्ञों का कहना है कि खास योग आसन से शरीर खिंचा जाता है, विभिन्न आकृतियों में मुड़ जाता है. पाबंदी से योग करने के नतीजे में एंडोक्राइन सिस्टम की दक्षता में भी वृद्धि होती है. उन्होंने डायबिटीक मरीजों के लिए कुछ योग आसन को बताया है.
बालासन या चाइल्ड पोज
चटाई पर घुटने टेंके और एडियों के बल बैठें. अंदर की ओर सांस लें और अपने बाजुओं को अपने सिर पर उठाएं, अंदर की ओर सांस लें और अपने ऊपरी शरीर को आगे की ओर झुकाएं. अपने माथे को फर्श पर रखें. सुनिश्चित करें कि आपकी कमर आपकी पीठ कूबड़ न हो.
मार्जरी आसन
ऊर्ध्वमुखी मार्जरी आसन
इसे करने के लिए अपने घुटनों पर नीचे जाएं. हथेलियों को कंधों के नीचे और घुटनों को हिप्स के नीचे रखें. श्वास अंदर ले, रीढ़ को कर्व करें.
अधोमुखी मार्जरी आसन
सांस को अंदर की ओर लें, पीठ को घुमाएं और अपनी ठुड्डी को अपनी छाती पर गिराएं.
अपनी नजर को अपने नाभि क्षेत्र की ओर केंद्रित करें.
पश्चिमोत्तानासन
अपने पैरों को आगे बढ़ाकर शुरू करें, सुनिश्चित करें कि आपके घुटने थोड़ा झुके हुए हों जबकि पांव आगे की ओर फैले हों. ऊपर की ओर अपने बाजू को फैलाएं और अपनी रीढ़ को सीधा रखें. अंदर की ओर सांस लें और शरीर के निचले हिस्से पर ऊपरी शरीर को रखते हुए कूल्हे पर आगे झुकें. अपने बड़े पैर की उंगलियों को हाथों की उंगलियों से पकड़ने की कोशिश करें.
सावधानी
प्रेगनेन्ट महिलाओं को पश्चिमोत्तानासन करने से दूर रहना चाहिए. स्लिप डिस्क या अस्थमा से पीड़ित पश्चिमोत्तानासन योग करनेवालों को बचना चाहिए. अल्सर के मरीजों को योग के इस आसन को करने से परहेज करना चाहिए.
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