राकेश टिकैत ने अमेरिकी राष्ट्रपति को क्यों किया था ट्वीट? सवाल पूछा तो नहीं समझा पाए मतलब
नई दिल्ली। पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत ने अमेरिका राष्ट्रपति जो बायडेन को ट्वीट पर टैग करते हुए कृषि कानूनों के खिलाफ पीएम मोदी से बात करने को कहा था। उस ट्वीट को लेकर जब इंडिया टीवी ने राकेश टिकैत से सवाल पूछा कि देश के आंतरिक मामलों का हल क्या वे अमेरिका से करवाएं तो राकेश टिकैत गोलमोल जबाव देने लगे और बहुराष्ट्रीय कंपनियों की बात करने लगे।
पूरे दुनिया को पता है कि भारत में क्या हो रहा है- राकेश टिकैत
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने इंडिया टीवी के साथ सोमवार को विशेष बातचीत की। राकेश टिकैत ने कुछ दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति को टैग करते हुए ट्वीट किया था, जब इसको लेकर राकेश टिकैत से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ‘हमने ये कहा है कि ये कोरिया तो है नहीं कि यहां की देश की खबर बाहर नहीं जा सकती या किंग जोन का राज है जो देश से कोई खबर बाहर जा ही नहीं सकती, उनको सब पता है, पूरे दुनिया को पता है कि भारत में क्या हो रहा है, हर रोज खबरें जाती हैं। सब पता है पूरी दुनिया में क्या हो रहा यहां पे तो क्यों ना कहें। मुझे बड़ी कंपनियों का बड़ा इफेक्ट आज पूरे देश और दुनिया में पड़ रहा है, ये बातचीत होनी चाहिए थी।’
…जब विपक्षी दलों के एजेंडे पर काम करने का सवाल किया गया तो
जब राकेश टिकैट को उनके बैकग्राउंड (पुलिस कर्मी) और किसान नेता होने के बाबत दूसरे देश के नेता से अंदरूनी मामलों में दखल को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ‘ये देश के प्रधानमंत्री को नहीं लगता कि किसान से बातचीत करी जाए। पूरी दुनिया में ये खबरें हैं। पूरे अमेरिका का किसान भी बर्बादी के कगार पर है। हमारा जो इंटरनेशनल संगठन है वो 73 देशों में काम करता है। आने वाले समय में दुनिया की क्या हालात होनी है… अनाज में बड़ी कंपनियों का कब्जा होगा.. दुनिया के आगे और ज्यादा हालात खराब होंगी। जब राकेश टिकैत से विपक्षी पार्टियों के एजेंडे पर काम करने का सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमारा तो किसान का एजेंडा है हमें विपक्षी पार्टियों का कोई एजेंडा नहीं है। विपक्ष तो है ही नहीं देश में… विपक्ष अगर देश में मजबूत होता तो देश में ये हालात नहीं होते किसान के।’
बड़े किसान को लेकर गडकरी का नाम लिया…
राकेश टिकैट ने आगे कहा कि सरकार तो ये चाह रही है कि देश में छोटे किसानों को सबसे ज्यादा लूटा जाए क्योंकि छोटा किसान तो अपनी फसल कहीं बेंच ही नहीं सकता है उसके तो वहां से ही हॉफ रेट में खरीद होती है। ये आंदोलन तो छोटे किसानों का ही आंदोलन है, बड़ा किसान तो इसमें है ही नहीं… और देश में बड़ा किसान कहां है भाई गडकरी जैसे लोग जो कहते हैं 72 हजार एकड़ जमीन है मेरे पास… तो वो हैं बड़े किसान।
राकेश टिकैत ने अमेरिकी राष्ट्रपति को क्यों किया था ट्वीट? सवाल पूछा तो नहीं समझा पाए मतलब
जानिए राकेश टिकैत ने अपने ट्वीट में क्या लिखा था…
राकेश टिकैत ने ट्वीट कर लिखा था, ‘प्रिय पोटस (अमेरिकी राष्ट्रपति का आधिकारिक ट्विटर हैंडल) हम भारतीय किसान मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। बीते 11 महीने में 700 किसान आंदोलन में अपनी जान गंवा चुके हैं। हमें बचाने के लिए ये तीन काले कानून रद्द होने चाहिए। कृपया आप प्रधानमंत्री मोदी से मिलते वक्त हमारी चिंताओं को उनके सामने रखिएगा।’
Source link