चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने गुरुवार को सत्तारूढ़ ‘कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना’ (सीपीसी) की 100वीं वर्षगांठ के मौके पर देश की रक्षा के लिए एक मजबूत सेना बनाने का आह्वान किया. इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि चीन के लोग किसी भी विदेशी ताकत को ‘‘उन्हें धमकाने, उत्पीड़ित करने या अपने अधीन करने’’ की अनुमति कभी नहीं देंगे.
‘कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना’ की 100वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित सामरोह को थ्येन आन मन चौक की बॉलकनी से संबोधित किया. यहां सीपीसी के संस्थापक माओ त्से तुंग की एक विशाल तस्वीर भी लगी थी. इस दौरान शी ने यह भी कहा कि ताइवान को चीन की मुख्य भूमि के साथ जोड़ना सत्ताधारी पार्टी का एक ऐतिहासिक लक्ष्य है.
शी जिनपिंग का अमेरिका पर निशाना
शी ने स्पष्ट रूप से अमेरिका पर निशाना साधते हुए कहा कि किसी भी ‘‘विदेशी ताकत’’ को चीन को परेशान नहीं करने दिया जाएगा. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन दोनों ने चीन के खिलाफ कड़ी नीति अपनाई है. व्यापार से लेकर मानवाधिकारों के मुद्दे तक और कोविड-19 के चीन के शहर वुहान में पहली बार सामने आने का दावा करने तक अमेरिका ने कई मामलों पर चीन को निशाना बनाया है.
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ ने 68 वर्षीय शी के हवाले से कहा, ‘‘चीन के लोग किसी भी विदेशी ताकत को उन्हें धमकाने, उत्पीड़ित करने या अपने अधीन करने की अनुमति कभी नहीं देंगे. ऐसा करने की कोशिश करने वाले किसी को भी 1.4 अरब से अधिक चीनी लोगों की विशाल दीवार से टकराना होगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने कभी किसी अन्य देश के लोगों को परेशान, उत्पीड़ित या अपने अधीन नहीं किया है और ना ही हम कभी ऐसा करेंगे.’’
स्कूली बच्चों के अलावा पार्टी के कायर्कर्ता, सैन्य अधिकारियों सहित 70 हजार से अधिक लोग उनके भाषण के दौरान पूरे जोश से उनका समर्थन करते दिखे. समारोह की शुरुआत हेलीकॉप्टरों और नवीनतम लड़ाकू विमानों द्वारा ‘फ्लाईपास्ट’ के साथ हुई. ‘फ्लाईपास्ट’ में लगभग 71 विमानों ने भाग लिया, जिसमें चीन के सबसे उन्नत ‘जे-20 स्टील्थ’ लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर, लड़ाकू विमान ‘ट्रेनर’ और अन्य शामिल थे. इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भी किया गया था.
एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए, शी के पूर्ववर्ती हू जिंताओ और पूर्व प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ सहित पार्टी के कई पूर्व तथा वर्तमान शीर्ष नेताओं ने समारोह में शिरकत की. वहीं, पूर्व पार्टी महासचिव जियांग जेमिन (94) और पूर्व प्रधानमंत्री झू रोंगजी (92) के समारोह में शामिल ना होने के बाद, उनके स्वास्थ्य से जुड़ी अटकलें और बढ़ गई हैं. शी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता माओ त्से तुंग, चाउ एनलाई, झू डी, देंग शियाओ पिंग, चेन यून और लीउ शओची को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा, ‘‘हम उनके प्रति गहरा सम्मान व्यक्त करते हैं.’’
जिनपिंग बोले- ताइवान की स्वतंत्रा की दिशा में प्रयास करेंगे विफल
राष्ट्रपति शी ने कहा कि ताइवान के मामले का समाधान करना और चीन के पूर्ण एकीकरण को साकार करना एक ऐतिहासिक लक्ष्य है और सीपीसी इसको लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, ‘‘हमें ‘ताइवान की स्वतंत्रता’ की दिशा में किसी भी प्रयास को पूरी तरह से विफल करने के लिए दृढ़ कार्रवाई करनी चाहिए और राष्ट्रीय कायाकल्प के वास्ते एक उज्ज्वल भविष्य बनाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए.’’
शी ने कहा, ‘‘किसी को भी अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के लिए चीनी लोगों के विशाल संकल्प, दृढ़ इच्छाशक्ति और असाधारण क्षमता को कम करके नहीं आंकना चाहिए. हमें राष्ट्रीय रक्षा तथा सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण में तेजी लानी चाहिए। हम अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा तथा विकास हितों की रक्षा के लिए अधिक क्षमता और अधिक विश्वसनीय साधनों से लैस हैं.’’
‘सेना पार्टी के नेतृत्व में करें काम’
शी ने इस बात पर जोर दिया कि सेना को पार्टी के नेतृत्व में काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’ समाजवादी देश की रक्षा तथा राष्ट्रीय गरिमा की रक्षा के लिए एक मजबूत स्तंभ है और क्षेत्रीय तथा विश्व शांति की रक्षा के लिए एक प्रबल शक्ति है. माओ त्से तुंग ने एक जुलाई 1921 को सीपीसी की स्थापना की थी और गुरुवार को इसके अस्तित्व में आए 100 वर्ष पूरे हो गए. 1949 में ‘पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना’ (पीआरसी) के गठन के बाद से ही यह सत्ता में है.
चीन के लिए सीपीसी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए शी ने कहा कि इसे चीन के लोगों से अलग करने का कोई भी प्रयास ‘‘असफल ही होगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ पार्टी के 9.5 करोड़ से अधिक सदस्य और चीन के 1.4 अरब से अधिक लोग ऐसा कभी नहीं होने देंगे.’’
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