रोजगार की स्थिति में हो रहा सुधार, EPFO के इन आंकड़ों से मिले संकेत
देश में रोजगार की स्थिति में सुधार हो रहा है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ के ताजा पेरोल डेटा से इस बात के संकेत मिल रहे हैं। श्रम मंत्रालय के बयान के मुताबिक जून में शुद्ध रूप से 12.83 लाख सदस्य जुड़े हैं। वहीं, मई की तुलना में जून में सदस्यों की संख्या में 5.09 लाख की वृद्धि हुई है।
8.11 लाख पहली बार दायरे में: जून में जोड़े गए कुल 12.83 लाख शुद्ध ग्राहकों में से, लगभग 8.11 लाख पहली बार कर्मचारी भविष्य निधि योजना के सामाजिक सुरक्षा कवरेज के तहत आए हैं। महीने के दौरान, लगभग 4.73 लाख शुद्ध ग्राहक ईपीएफओ द्वारा कवर किए गए प्रतिष्ठानों के भीतर नौकरी बदलकर ईपीएफओ से बाहर निकल गए, लेकिन फिर से ईपीएफओ में शामिल हो गए।
इससे पता चलता है कि अधिकांश सदस्यों ने अपने पीएफ रकम की अंतिम निकासी के लिए आवेदन करने के बजाय पिछली नौकरी से वर्तमान पीएफ खाते में पैसे के ट्रांसफर का उपयोग करके ईपीएफओ के साथ अपनी सदस्यता जारी रखने का विकल्प चुना।
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बता दें कि ईपीएफओ देश का प्रमुख संगठन है जो ईपीएफ और एमपी अधिनियम, 1952 की क़ानून के तहत शामिल संगठित / अर्ध-संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है।
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