प्रदूषण जांच केंद्र की स्थापना और इसे व्यवसायोन्मुखी बनाने के लिए विभाग ने तैयारी पूरी कर ली है। अधिक से अधिक बेरोजगारों को इससे जोड़ा जा सकेगा और हर क्षेत्र में प्रदूषण जांच केंद्र खुलवाकर प्रमाणपत्र जारी करने की व्यवस्था की जाएगी। राजधानी में अभी तक 75 प्रदूषण नियंत्रण केंद्र हैं, जबकि वाहनों की संख्या 20 लाख से ज्यादा हो चुकी है। यही वजह है कि गाड़ियों से निकलने वाले धुएं पर रोक लगाना सरकार के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है।
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