लव जिहाद के खिलाफ कानून की क्यों थी जरूरत? योगी आदित्यनाथ ने चुनाव मंच पर बताई वजह
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को इंडिया टीवी के कार्यक्रम ‘चुनाव मंच’ पर कई मुद्दों पर बात की। इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि लव जिहाद के खिलाफ कानून की जरूरत क्यों थी। योगी से जब सवाल किया गया तब उन्होंने कहा कि हमने इस चीज को महसूस किया और यूपी में डेमोग्राफी के संतुलन को बनाने के लिए ऐसा किया क्योंकि देर सवेर हमें इसके द्वारा आने वाली समस्याओं से भी जागरूक होना होगा। इस सच्चाई से हम अपने आप को अलग नहीं कर सकते।
योगी आदित्यनाथ ने कहा, “गर्दन नहीं पकड़ी गई, जिस व्यक्ति ने कानून के विरुद्ध काम किया उसके खिलाफ कार्रवाई की गई है, वहां पर जिस प्रकार के जिहादी उन्माद भड़काए जा रहे थे, अपनी अपनी उपासना की स्वतंत्रता सबको है, लेकिन अगर आप किसी की मजबूरी का लाभ उठाकर उसे धर्मांतिरित करेंगे, धोखे से धर्मांतरित करेंगे तो यूपी में यह स्वीकार नहीं होगा। 2009 में केरल उच्च न्यायालय ने केरल सरकार को एक आदेश दिया था और उस समय उन्होंने कहा था कि लव जिहाद केरल जैसे राज्य को इस्लामिक राज्य बनाकर एक जिहादी जुनून में झोक देना चाहता है।”
उन्होंने कहा, “इसके बाद कर्नाटक में भी ऐसा आदेश जारी हुआ था। दुर्भाग्य से वहां की सरकारों ने इसपर ध्यान नहीं दिया लेकिन हमने इस चीज को महसूस किया और यूपी में डेमोग्राफी के संतुलन को बनाने के लिए ऐसा किया, क्योंकि देर सवेर हमें इसके द्वारा आने वाली समस्याओं से भी जागरूक होना होगा। इस सच्चाई से हम अपने आप को अलग नहीं कर सकते।”
योगी ने आगे कहा, “आखिर मेरठ की उस महिला को कौन भुला सकता है जिसे छल से एक व्यक्ति ने खुद को हिंदू बताकर एक हिंदू महिला के साथ शादी की, बाद में जिस मकान में महिला रहती थी उसमें काबिज हो गया। फिर उस मकान में उस महिला और बच्ची को मार दिया और वहीं दफन किया। ऐसे 100 मामले हमने चिन्हित किए और न्यायालय में इसके खिलाफ लड़े कि प्रदेश सरकार ने लव जिहाद के खिलाफ जो कानून बनाया वह इस वजह से बनाया है। न्यायालय को भी स्वीकार करना पड़ा कि कानून राज्य की आवश्यकता है।”
योगी ने कहा, “अभी एक मामला गाजियाबाद में आया था जिसमें मूक बधिर बच्चों को धर्मांतरण के लिए बाध्य किया जा रहा था। ऐसे बच्चे जो बोल नहीं सकते, लेकिन स्मार्टफोन में कोडवर्ड के माध्यम से उन्हें जिहादी जुनून के साथ जोड़ने का प्रयास था और फिर सुसाइड स्क्वॉड का दस्ता बनाकर किसी भी वीवीआईपी पर हमला करने की साजिश का जो हिस्सा था उसे हमारी ही सुरक्षा एजेंसियों ने भंडाफोड़ किया। 25 राज्यों में उसका तंत्र फैल चुका था और वह बाटला हाउस दिल्ली से संचालित हो रहा था।”
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