अगर आपके पास भी 10 साल से पुराना डीजल और 15 साल से अधिक पुराना पेट्रोल वाहन है तो आपको ट्रांसपोर्ट विभाग ने चेतावनी दी है। दिल्ली ट्रांसपोर्ट विभाग के अनुसार यदि आप निर्धारित अवधि से पुराना वाहन सड़क पर चलाते हुए पकड़े जाते हैं तो आपको 10000 रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। ट्रांसपोर्ट विभाग ने मंगलवार को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि यदि पुराने वाहन सड़क पर चलते पाए जाते हैं तो वाहन मालिक पर आवश्यक दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
हालांकि ट्रांसपोर्ट विभाग ने पुराने वाहनों के खिलाफ फिलहाल कोई भी अभियान शुरू करने की बात से इंकार किया है। लेकिन फिर भी विभाग प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए पुराने वाहनों पर सख्त कार्रवाई जारी रखेगा। नए व्हीकल एक्ट में पुराने वाहनों पर 10000 रुपये के जुर्माने और वाहन को जब्त कर उसे स्कैप करवाने का प्रावधान है। बता दें कि नए स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत पुराने वाहनों को स्क्रैप कराने से जुड़े नियम लागू किए हैं। इसके तहत आपको मान्यताप्राप्त वैध स्क्रैपर के पास जाकर ही अपना वाहन स्क्रैप करवाना होगा। साथ ही आपको अपना वाहन आरटीओ दफ्तर जाकर डिरजिस्टर भी करवाना होगा।
2018 से दिल्ली में सिर्फ 2879 वाहन हुए स्क्रैप
नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत ट्रांसपोर्ट विभाग ने 2018 में वाहनों को स्क्रैप किए जाने से संबंधित नियम लागू किए थे। इसके साथ ही आथराइज्ड स्क्रैपर की भी नियुक्त की थी। लेकिन इसकी रफ्तार काफी धीमी है। 31 मई 2021 तक बीते 3 साल में सिर्फ 2879 वाहनों को ही स्क्रैप किया जा सका है। विभाग के अनुसार दिल्ली में एक करोड़ से ज्यादा वाहन रजिस्टर हैं जिनमें से 70 लाख वाहन सड़क पर हैं। इसमें से 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों की संख्या 35 लाख के करीब है। वहीं करीब 3 लाख डीजल वाहन अपनी निर्धारित 10 साल की अवधि पूरी कर चुके हैं।
कैसे स्क्रैप कराएं पुराना वाहन
- पुराने वाहन के मालिक को आनलाइन जाकर अप्लाई करना होगा या स्क्रैप डीलर को फोन करना होगा
- स्क्रैपर निर्धारित स्क्रैप मूल्य अदा करेगा और वाहन मालिक के घर से वाहन को पिकअप करेगा।
- स्क्रैपिंग की प्रक्रिया शुरू करने से पहले दस्तावेजों की वैधता की जांच की जाएगी।
- स्क्रैपर द्वारा चेसिस नंबर का कट पीस अपने पास सुरक्षित रखा जाएगा।
- स्क्रैपर एक स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट जारी करेगा, जिसमें पूरी जानकारी दी गई होगी।
- इसके आधार पर वाहन मालिक को अपना वाहन आरटीओ में जाकर डिरजिस्टर्ड करवाना होगा
- नई कार के लिए यह पुराना रजिस्ट्रेशन नंबर जारी करने के लिए मांग की जा सकती है।
51 लाख वाहन 20 साल पुराने
भारत में 51 लाख हल्के वाहन हैं जो 20 साल से ज्यादा पुराने हैं 34 लाख लाइट वाहन हैं जो 15 साल से ज्यादा पुराने हैं। फिटनेस प्रमाण पत्र के बिना लगभग 17 लाख मीडियम और भारी कमर्शियल वाहन हैं जो 15 साल से ज्यादा पुराने हैं, पुराने वाहन फिट वाहनों की तुलना में 10-12 गुना ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं और सड़क सुरक्षा के लिए भारी जोखिम हैं।
स्क्रैपिंग पॉलिसी मे नफा नुकसान की क्या है गणित
माना आपके पास 15 साल पुरानी स्विफ्ट डिजायर है, इस पर आप स्क्रैप पॉलिसी के फायदे उठा सकते हैं या फिर आप इसे आगे भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
अगर आप अगले 5 साल कार का इस्तेमाल करते हैं
- 15 किलोमीटर प्रति दिन के आधार पर अगले 5 साल में 27500 किलोमीटर और चला सकेंगे कार
- पुराने वाहन पर री-रजिस्ट्रेशन की लागत में बढ़त – 5000 रुपये
- 5 साल के लिए सालाना 5000 रुपये के मेंटिनेंस पर कुल लागत- 25000 रुपये
- टायर के बदलने पर – 12000 रुपये
- ईंधन की लागत- 1.7 लाख रुपये
अगर आप पॉलिसी के तहत 15 साल पुरानी कार देकर नई कार खरीदते हैं
- स्क्रैप की कीमत (कार की कीमत का 4%)- 32000 रुपये
- कार निर्माता की तरफ से छूट (कार कीमत का 5%)- 40000 रुपये
- रोड टैक्स (अगले 3 साल के लिए 25% छूट)- 3000 रुपये
- मेंटीनेंस कॉस्ट (पुरानी कार के मुकाबले आधी)
- ईंधन का खर्च- पुरानी कार के मुकाबले नई कार में तेल की खपत काफी कम
क्या मिलेंगे फायदे
अगर आप नई कार खऱीदते हैं तो न केवल आपको नई कार कंपनियों के द्वारा दिए जा रहे अन्य ऑफर्स के साथ अपनी पुरानी कार से करीब 75 हजार रुपये का फायदा होगा। साथ ही मेंटीनेंस और फ्यूल कॉस्ट में भी काफी पैसों की बचत होगी। हालांकि अगर आप पुरानी कार को चलाना जारी रखते हैं तो आपको रजिस्ट्रेशन, फ्यूल कॉस्ट और मेंटीनेंस कॉस्ट में अतिरिक्त रकम खर्च करनी पड़ेगी, साथ ही पुरानी कार को चलाने पर होने वाली अन्य तकलीफें भी उठानी पड़ेंगी।
नई स्क्रैप पॉलिसी में क्या क्या हैं फायदे
- पुराने वाहनों की स्क्रैप वैल्यू
- रोड टैक्स में छूट ( पर्सनल व्हीकल में रोड टैक्स पर 25 प्रतिशत की छूट और कमर्शियल व्हीकल में 15 प्रतिशत की छूट)
- स्क्रैपिंग सर्टिफिर्केट पर निर्माता द्वारा 5 प्रतिशत की छूट
- नए खरीदे गए वाहन के रजिस्ट्रेशन पर छूट
- नए वाहन चलाने पर मेंटीनेंस और फ्यूल कॉस्ट में बचत
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