नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को राज्य सरकारों से कहा कि बैंकों और बीमा कंपनियों के कर्मचारियों को कोविड-19 टीकाकरण के लिए प्राथमिकता दी जाए, क्योंकि इस कठिन समय में वे उच्च जोखिम के संपर्क में हैं.
वित्तीय सेवा विभाग के सचिव देवाशीष पांडा ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को संबोधित करते हुए एक पत्र में कहा कि राज्यों को प्राथमिकता के आधार पर बैंकों, बीमा कंपनियों, बिजनेस कोरस्पोंडेंट, भुगतान प्रणालियों और अन्य वित्तीय सेवा मुहैया कराने वाली कंपनियों के कर्मचारियों का टीकाकरण विशेष व्यवस्था के तहत करना चाहिए.
पांडा ने इस पत्र के साथ ट्वीट किया, ‘इस चुनौतीपूर्ण वक्त में जरूरतमंद लोगों को बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए हमारे बैंक कर्मचारी, बीमाकर्ता, भुगतान सेवा प्रदाता, बैंक मित्र को सलाम.’ उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि इनमें से कई कर्मचारियों की कोविड-19 के कारण मृत्यु हो गई. उन्होंने कहा, ‘सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों से अनुरोध है कि वे स्थानीय अधिकारियों को बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने में जरूरी मदद करें. उन्हें प्राथमिकता के आधार पर टीका लगाया जाए, ताकि उनके लिए उच्च जोखिम को कम किया जा सके.’
स्थानीय लॉकडाउन के दौरान राज्यों के कानून प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा बैंक कर्मचारियों से दुर्व्यहार के कुछ मामलों का जिक्र करते हुए पत्र में कहा गया कि इन अधिकारियों की आसान आवाजाही सुनिश्चित की जाए. पांडा ने मुख्य सचिवों से जिला प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों को यह निर्देश देने के लिए भी कहा कि बैंक और वित्तीय सेवा कर्मचारियों के साथ सहयोग करें और उन्हें पर्याप्त सुरक्षा दी जाए.
कई कर्मचारियों की मौत
इस कदम का स्वागत करते हुए अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण बहुत महत्वपूर्ण है. वेकाटाचलम ने मांग की कि वित्तीय सेवा विभाग बैंकों के कामकाज पर कुछ न्यूनतम दिशानिर्देश भी जारी कर सकता है. इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) के आंकड़ों के अनुसार बैंकिंग क्षेत्र में कुल 13.5 लाख कर्मचारियों में से पिछले साल कोविड-19 के कारण लगभग 600 कर्मचारियों की मौत हुई.
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