कोरोना संकट से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कुछ बड़े ऐलान किए हैं. इनमें आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का विस्तार भी शामिल हैं. इस योजाना को 1 अक्टूबर 2020 को लागू किया गया था. अब इस स्कीम को बढ़ाकर 31 मार्च 2022 तक किया जा रहा है.
इस योजना के तहत सरकार 1000 कर्मचारियों वाली कंपनियों में पीएफ का नियोक्ता और एम्प्लॉई दोनों का हिस्सा केंद्र सरकार भरेगी. सरकार कर्मचारी-कंपनी का 12%-12% PF का भुगतान करती है.
इस योजना के तहत अगर ईपीएफओ-रजिस्टर्ड प्रतिष्ठान ऐसे नए कर्मचारियों को लेते हैं जो पहले पीएफ के लिए रजिस्टर्ड नहीं थे या जो नौकरी खो चुके हैं, तो यह योजना उनके कर्मचारियों को लाभ देगी.
किन्हें मिलेगा लाभ
इस योजना का लाभ नए कर्मचारियों को मिलेगा. 15,000 रुपये से कम मासिक वेतन पर ईपीएफओ-पंजीकृत प्रतिष्ठान में रोजगार पाने वाला कोई भी नया कर्मचारी इससे लाभन्वित होगा. 15,000 रुपये से कम का मासिक वेतन पाने वाले ईपीएफ सदस्य जिन्होंने 01.03.2020 से 30.09.2020 तक कोविड महामारी के दौरान रोजगार गंवाया और 01.10.2020 से या उसके बाद कार्यरत हैं, उन्हें भी इस योजना का लाभ मिलेगा.
केंद्र सरकार देगी सब्सिडी
- 01.10.2020 या उसके बाद लगे नए पात्र कर्मचारियों के संबंध में दो साल के लिए सब्सिडी प्रदान करेगी:
- 1000 कर्मचारियों को रोजगार देने वाले प्रतिष्ठान में कर्मचारी का योगदान (वेतन का 12%) और नियोक्ता का योगदान (वेतन का 12%) कुल वेतन का 24% सरकार देगी.
- 1000 से अधिक कर्मचारियों को नियुक्त करने वाले प्रतिष्ठा में केवल कर्मचारी के ईपीएफ का अंशदान (वेतन का 12%) सरकार देगी.
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