Shani Dev: पंचांग के अनुसार 19 जून, शनिवार को ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है. कन्या राशि में चंद्रमा का गोचर बना हुआ है. इस दिन हस्त नक्षत्र रहेगा. शनि देव के लिए आज का दिन उत्तम है. इस दिन महेश नवमी का पर्व है. महेश नवमी पर भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है.
शिव भक्त हैं शनि देव
शनि देव को शिव भक्त माना जाता है. शनि देव की अपने पिता सूर्य देव से नहीं बनती है. एक बार जब सूर्य देव ने माता छाया और शनि देव का अनादर कर दिया था. जिससे नाराज होकर शनि देव ने भगवान शिव की कठोर तपस्या की थी. जिसके फलस्वरूप भवगान शिव ने प्रसन्न होकर शनि देव को नवग्रहों में न्यायाधीश की उपाधि प्रदान की थी. भगवान शिव की पूजा करने से शनि देव शांत होते हैं.
शनि देव का स्वभाव
शनि देव के बारे में कहा जाता है कि ये न्यायप्रिय हैं. शनि देव व्यक्ति को उसके कर्मों का फल प्रदान करते हैं. कलियुग में शनिदेव दंडाधिकारी हैं. शनि व्यक्ति को अच्छे बुरे कार्यों का आंकलन कर, शुभ अशुभ फल प्रदान करते हैं. शनि का स्वभाव क्रूर माना गया है. शनि की दृष्टि को लोग शुभ नहीं मानते हैं. ऐसा माना जाता है कि शनि देव की जिस पर भी दृष्टि पड़ती है उसका अनिष्ठ होना आरंभ हो जाता है. इसलिए शनि देव सदैव अपनी दृष्टि को नीचे किए रहते हैं.
शनि देव को नाराज नहीं करना चाहिए
शनि देव की जब साढ़ेसाती और ढैय्या चल रही हो तो कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. इस दौरान कोई भी ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए, जिससे शनि देव नाराज हों. शनि देव गलत और अनैतिक कार्य करने वालों को दंड अवश्य प्रदान करते हैं. इस समय इन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या चल रही है-
शनि की साढ़ेसाती
- धनु राशि (Sagittarius)
- मकर राशि (Capricorn)
- कुंभ राशि (Aquarius)
शनि की ढैय्या
- मिथुन राशि (Gemini)
- तुला राशि (Libra)
शनि मंत्र (Shani Mantra in Hindi)
शनि देव इस मंत्र के जाप से प्रसन्न होते हैं. शनिवार के दिन शनि के इस मंत्र का जाप करना अच्छा माना गया है-
ओम शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये। शं योरभि स्रवन्तु न:
यह भी पढ़ें:
Guru Vakri 2021: कर्क राशि और सिंह राशि वालों के ‘गुरु वक्री’ बनाएंगे बिगड़े काम
Source link