शनि राशि परिवर्तन कब होगा? जान लें शनि की साढ़े साती और शनि ढैय्या से जुड़े सवालों के जवाब

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नौ ग्रहों में शनि ग्रह का प्रभाव जातक की जन्म कुंडली में लंबे समय तक रहता है। ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है। शनिदेव जातक को उसके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। आमतौर पर लोग शनि की महादशा यानी शनि साढ़े साती और शनि ढैय्या से डरते हैं। लेकिन कहा जाता है कि शनि हमेशा अशुभ प्रभाव नहीं डालते हैं। जन्म कुंडली में शनि के शुभ स्थान पर विराजमान होने से यह रंक को राजा बना सकते हैं। जानिए शनि की साढ़े साती और शनि ढैय्या से जुड़े सवालों के जवाब-

1. किन राशियों पर चल रही शनि की साढ़े साती?
इस साल शनि ने राशि परिवर्तन नहीं किया है। ऐसे में वह अपनी स्वराशि मकर में विराजमान हैं। मकर राशि में शनि के होने से धनु, कुंभ और मकर राशि वालों पर शनि की साढ़े साती चल रही है।

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2. शनि ढैय्या किन राशियों पर चल रही है?
शनि के मकर राशि में होने मिथुन और तुला राशि वालों पर शनि ढैय्या चल रही है। शनि के राशि परिवर्तन करते ही इन दोनों राशियों को शनि ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी।

3. शनि का राशि परिवर्तन कब होगा?
शनि के एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने को शनि राशि परिवर्तन कहते हैं। शनि मकर राशि से कुंभ राशि में 29 अप्रैल 2021 को गोचर करेंगे।

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4. शनि के राशि परिवर्तन से किन राशियों पर होगा असर-
शनि के राशि परिवर्तन करने से धनु राशि वालों को शनि की साढ़े साती से मुक्ति मिल जाएगी। हालांकि कुंभ राशि में गोचर करते ही मीन राशि पर शनि की साढ़े साती शुरू हो जाएगी। जिससे कुंभ, मकर व मीन राशि वालों पर इसका असर होगा।

5. किन राशियों पर शुरू होगी शनि ढैय्या-

शनि के राशि परिवर्तन करते ही मिथुन व तुला राशि वालों को शनि ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी। इसके बाद कर्क व वृश्चिक राशि वालों पर शनि ढैय्या शुरू होगी।

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6. शनि की साढ़े साती और शनि ढैय्या से बचाव के उपाय-

शनि के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए। मान्यता है कि हनुमान जी की पूजा करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा शनिवार के दिन हनुमान जी के मंदिर जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। हालांकि कोरोना काल में घर के मंदिर में ही हनुमान चालीसा का पाठ किया जा सकता है। भगवान शिव की पूजा से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं। शनि मंत्रों का जाप करने से लाभ होता है। शनिवार के दिन शनिदेव से जुड़ी चीजों का दान करना लाभकारी साबित होता है। पीपड़ के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए।

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