इस साल की शुरुआत में अनिवार्य ‘कूलिंग ऑफ पीरियड’ लागू होने से चीन में तलाक की दर 70 फीसद तक कम हो गई है. नागरिक मामलों के मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, 2021 की पहली तिमाही में 296,000 तलाक के आवेदन दर्ज हुए थे, जबकि पिछले साल की अंतिम तिमाही में ये संख्या 1.06 मिलियन थी, इस तरह 72 फीसद की कमी दर्ज की गई.
कूलिंग ऑफ पीरियड से तलाक में 70 फीसद की कमी
कूलिंग ऑफ पीरियड का मतलब उस समय से है जिसके दौरान दो असहमत लोग या समूह आगे की कार्रवाई करने से पहले अपने मतभेदों को दूर करने की कोशिश कर सकते हैं. चीन में नया सिविल संहिता 1 जनवरी को प्रभाव में आया. उसके तहत तलाक के लिए अपना आवेदन पेश करने के बाद जोड़े को 30 दिनों का इतंजार करना जरूरी है, इस दौरान पति-पत्नी में से कोई अपनी याचिका वापस ले सकता है.
एक महीने बाद शादी को खत्म करने के लिए उन्हें फिर से आवेदन करना होता है. हालांकि, कानून की बड़े पैमाने पर आलोचना में कई तर्क दिए गए. आलोचकों ने उसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता में बाधा और लोगों को दुख में फंसाने वाला बताया. लेकिन समर्थकों ने सरकारी मीडिया में ये कहते हुए बचाव किया कि इससे ‘परिवार की स्थिरता और सामजिक व्यवस्था’ सुनिश्चित होती है.
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तेजी से बढ़ती तलाक की दर ने चीन की बढ़ाई थी चिंता
हाल के वर्षों में तलाक के मामलों की बढ़ोतरी होने से नीति निर्माताओं की चिंता बढ़ गई थी. पिछले साल एक न्यूज कांफ्रेंस में नागरिक मामलों के मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा था, "विवाह और प्रजनन दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. शादी की दर में गिरावट जन्म दर को प्रभावित करती है, जिसके नतीजे में आर्थिक और सामाजिक विकास प्रभावित होता है. इस मुद्दे का समाधान निकाला जाना चाहिए." उन्होंने संकेत दिया था कि मंत्रालय प्रासंगिक सामाजिक नीतियों को सुधारेगा और शादी, परिवार और प्यार के सकारात्मक मूल्यों को स्थापित करने के लिए प्रचार तंत्र को बढ़ाएगा. कूलिंग ऑफ पीरियड इस पहल का एक प्रमुख हिस्सा है, उसी तरह काम के बजाए महिलाओं को बच्चे पैदा करने और पुरुषों को शादी करने के लिए प्रोत्साहन राशि.
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