आजकल जो नए पेरेंट्स हैं या जिनके घरों में कोई अनुभवी और बड़ा बुजुर्ग नहीं है उन्हें बच्चे पालने में काफी मुश्किलें आती हैं. शिशु के अच्छे विकास के लिए जरूरी है कि आपको बच्चे को खिलाने से लेकर सुलाने की सही पोजीशन (Best Sleeping Position for Infant) के बारे में पता होना चाहिए. शिशु को सही पोजीशन में सुलाने से काफी फायदा मिलता है. ऐसे में आपको शिशु को सुलाने के मामले में विशेष ध्यान देने की जरूरत है. शिशु का सही पोजीशन में सोना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके बच्चे के लिए कौन सी सही स्लीपिंग पोजीशन है. कौन सी पोजीशन में सुलाने से बच्चे को नुकसान हो सकता है. आज हम आपको शिशु को सुलाने का सही तरीका बता रहे हैं. साथ ही गलत तरीके से सुलाने पर बच्चे को क्या नुकसान हो सकता हैं, यह भी जानते हैं.
शिशु को सुलाने की सही पोजीशन क्या है?
नवजात शिशु को सुलाने के लिए बेस्ट पोजिशन होती है पीठ के बल सोना. इससे सडन इंफेंट डेथ सिंड्रॉम (sudden infant death syndrome) का खतरा कम होता है. पीठ के बल सोने से बच्चे को सांस लेने में भी तकलीफ नहीं होती है. इससे शिशु का दम नहीं घुटता है. कई मां-बाप सोचते हैं कि बच्चा पीठ के बल सोने से कहीं उल्टी ना कर दें. लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है बच्चे को पीठ के बल सोने से काफी रिलेक्स होता है. ये सबसे सेफ पोजीशन है नवजात बच्चे को सुलाने की. इसलिए हमेशा शिशु को पीठ के बल ही सुलाना चाहिए. बच्चा जब बड़ा होने लगता है तो वो खुद ही करवट बदल लेता है. कई बार बच्चे खुद ही रोल हो जाते हैं और स्लीपिंग पोजिशन बदल लेते हैं. ऐसे में घबराएं नहीं बच्चे को फिर से पीठ के बल सुला दें. अगर बच्चा खेलते खेलते रोल हो रहा है तो इससे उसका विकास अच्छा होता है. इसलिए उसे ऐसा करने दें.
शिशु के लिए कौन सी स्लीपिंग पोजीशन है असुरक्षित?
पेट के बल सोना- नवजात बच्चों को पेट के बल सुलाना सबसे हानिकारक होता है. बच्चे का पेट के बल सोने से सारा वजन उनके पेट पर आ जाता है जिससे सांस लेने में बहुत दिक्कत होती है. इससे बच्चे के स्पाइन पर भी बुरा असर पड़ता है. शिशु को पेट के बल सुलाने से sudden infant death का खतरा सबसे ज्यादा होता है. किसी भी गद्दा या चादर में बच्चे का मुंह फंस सकता है इससे सांस लेने में दिक्कत हो सकती है. इसलिए एक साल तक के बच्चों को पीठ के बल ही सुलाएं.
करवट से सोना- नवजात शिशु के लिए करवट से सोना भी नुकसानदायक हो सकता है. करवट से शिशु का सारा वजन एक तरफ आ जाता है, जिससे बच्चे के दिमाग का विकास भी धीमा पड़ सकता है. कई बार इस पोजीशन में सोने से बच्चे को सांस लेने में तकलीफ भी हो सकती है. एक साल के बाद आप बच्चे को करवट से सुला सकते हैं.
शिशु को सुलाते वक्त ध्यान रखें ये बातें
⦁ बच्चे को मुलायम और साफ सुथरे गद्दे पर सुलाएं.
⦁ नवजात बच्चे को अपने साथ ही सुलाएं उन्हें अकेला नहीं छोड़ें.
⦁ बच्चे के आस-पास कोई ऐसी चीज न रखें जो बच्चे के मुंह पर गिर जाए.
⦁ बच्चा जब चीजें खींचने लगे तब भी भारी चीजें आप-पास न रखें.
⦁ सॉफ्ट टॉय भी शिशु के आस-पास न रखें, बच्चे के मुंह पर कोई भी टॉय गिरने से सांस रुक सकती है.
⦁ आप शिशु को सीने से लगाकर भी सुला सकते हैं. इससे बच्चा सेफ महसूस करता है.
⦁ बच्चे को कभी भी मुंह ढ़क कर न सुलाएं. कोई भारी कंबल या कपड़े से बच्चे को न उढ़ाएं, इससे दम घुट सकता है.
⦁ नवजात शिशु को तकिया नहीं लगाना चाहिए, इससे सांस लेने में दिक्कत हो सकती है.
⦁ बच्चा जिस रुम में सो रहा है उसकी लाइट्स डिम रखें.
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