सत्या नडेला बने माइक्रोसॉफ्ट बोर्ड के नए चेयरमैन

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माइक्रोसॉफ्ट ने बुधवार को मुख्य कार्यकारी सत्य नडेला को अपने बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में चुना है. कंपनी ने बताया कि नडेला को सर्वसम्मति से माइक्रोसॉफ्ट बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का प्रमुख चुना गया, जहां वो सही रणनीतिक अवसरों को बढ़ावा देंगे और खतरों की पहचान करने के लिए व्यवसाय की अपनी गहरी समझ को पेश करेंगे. दरअसल फरवरी 2014 में स्टीव बाल्मर से पदभार लेने वाले नडेला ने मोबाइल प्रतिद्वंद्वी कंपनियों जैसे एप्पल और गूगल को पीछे छोड़ दुनिया में माइक्रोसॉफ्ट को ज्यादा लोकप्रिय बनाया है.


कंपनी ने नडेला को कंपनी में नई ऊर्जा लाने का श्रेय दिया है. बतादें कि कंपनी की स्थापना साल 1975 में हुई थी. वहीं नडेला ने इतने लंबे समय तक पर्सनल कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर पर ध्यान केंद्रित किया था. जानकारी के मुताबिक 53 साल के नडेला ने क्लाउड कंप्यूटिंग को प्राथमिकता दी है, जो वाशिंगटन राज्य के रेडमंड शहर में टेक की दुनिया में एक आकर्षण की केंद्र बन गया है. नडेला के कहने पर कंपनी ने अपने यूजर प्लेटफॉर्म को बढ़ावा देने के लिए कंप्यूटिंग क्लाउड में डेटा सेंटर पर होस्ट किए गए सॉफ़्टवेयर और सेवाओं को किराए पर देने पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया है, जिससे ज्यादा से ज्यादा यूजर्स यहां इक्ट्ठा हो सकें.


विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम की नई पीढ़ी की शुरूआत


जानकारी के मुताबिक माइक्रोसॉफ्ट कंपनी अगले हफ्ते अपने विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम की एक नई पीढ़ी की  शुरूआत करने जा रही है. वहीं माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज और ऑफिस जैसे सॉफ्टवेयर पर अपना साम्राज्य बनाया, जिसके चलते कंप्यूटर निर्माताओं को लाइसेंस दिया गया और मशीनों में इंस्टॉलेशन किया गया है.


स्मार्टफोन और टैबलेट ने कंप्यूटर को छोड़ा पीछे


स्मार्टफोन और टैबलेट के आने के बाद से पर्सनल कंप्यूटर का इस्तेमाल कम हो गया था, लेकिन महामारी के दौरान लोगों ने स्कूल, ऑफिस और अन्य काम के लिए कंप्यूटर का सहारा लेना फिर से शुरू कर दिया है.


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