Safalta Ki Kunji: सफलता की कुंजी कहती है कि जीवन में यदि सफलता प्राप्त करनी है तो कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि कभी कभी व्यक्ति छोटी गलतियों के कारण बड़ी सफलता से चूक जाता है. गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि व्यक्ति को हर परिस्थिति में धैर्य बनाए रखना चाहिए. जो व्यक्ति संकट और खुशी के क्षणों में धैर्य और गंभीरता को त्याग देते हैं, वे प्रतिभाशाली होने के बाद भी सफलता का सुख प्राप्त करने से कभी-कभी चूक जाते हैं.
विद्वानों की मानें तो सफलता उसी को प्राप्त होती है, जो हर परिस्थिति में सहज रहते हैं. यानि दुख में अधिक दुखी होने से कुछ नहीं होगा, दुख के समय व्यक्ति की असली परीक्षा होती है, ऐसे में उसे धैर्य का साथ कभी नहीं छोड़ना चाहिए. संकट के समय ही हमारे गुणों का आंकलन होता है, जो लोग इस बात को नहीं समझ पाते हैं, वे नुकसान उठाते हैं.
परिश्रम का महत्व
सफलता में परिश्रम यानि मेहनत का सबसे बड़ा योगदान है, जो व्यक्ति परिश्रम करने से घबराते हैं, या मेहनत करने से बचते हैं, वे कभी सफलता प्राप्त नहीं कर पाते हैं. यदि किसी तरह से सफलता प्राप्त कर भी लें, तो इस सफलता को अधिक समय तक संभाल कर नहीं रख पाते हैं. इसलिए मेहनत करें.
अनुशासन को अपनाएं
चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को जीवन में अनुशासन की भावना का विशेष महत्व है, जिस व्यक्ति के जीवन में अनुशासन नहीं है, उसे सफलता प्राप्त करने के लिए अधिक संघर्ष करना पड़ता है, वहीं जो लोग हर कार्य को अनुशासन के दायरे में रहकर करते हैं, वे बहुत जल्द सफलता प्राप्त करते हैं.
नकारात्मक विचारों से दूर रहें
विद्वानों की मानें तो व्यक्ति की सफलता में सकारात्मक विचारों का भी अहम योगदान होता है, जो व्यक्ति नकारात्मक विचारों से घिरे रहते हैं, उन्हें लक्ष्मी जी का आशीर्वाद प्राप्त नहीं होता है. ऐसे लोग सच्चे सुख से भी वंचित रहते हैं.
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